fbpx
32 साल बाद बीफ की चर्बी के निर्यात से मोदी सरकार ने पाबंदी हटाई 2

32 साल बाद बीफ की चर्बी के निर्यात से मोदी सरकार ने पाबंदी हटाई

हाल ही में बीफ को लेकर देश में काफी विवाद हुआ था और बीजेपी इसे एक बड़े राजनीतिक मुद्दे की तरह लपकती रही है. ‘द हिंदू’ में छपी खबर के मुताबिक केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार ने अब भैंस,गाय आदि की चर्बी (buffalo tallow) पर के निर्यात पर प्रतिंबंधों में चुपचाप ढील दे दी है.

‘द हिंदू’ ने आधिकारिक डॉक्यूमेंट्स से यह जानकारी हासिल की है. चर्बी की एक्सपोर्ट मार्केट में पिछले काफी समय से महीने दर महीने बड़ा बूम आ रहा है.

आपको बता दें कि पीएम मोदी ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान ‘पिंक रिवॉल्यूशन’ को जोरों-शोरों से उठाया था और उन्होंने देश में मीट एक्सपोर्ट की भी कड़ी निंदा की थी.

चुनाव के समय नरेंद्र मोदी ने यूपीए सरकार पर ये कह कर हमला बोला था कि मनमोहन सरकार चोरी-छिपे मीट निर्यात को बढ़ावा दे रही है. पहली बार इसके लिए ‘गुलाबी क्रांति’ यानी ‘पिंक रिवॉल्यूशन’ शब्द का इस्तेमाल हुआ था. अब सवाल उठ रहा है कि मोदी ने जिसे ‘पिंक रिवल्यूशन’ कहा था क्या वह महज एक चुनावी मुद्दा था?

मोदी सरकार ने बीफ की चर्बी निर्यात के फैसले पर 31 दिसंबर 2014 को तब मुहर लगाई थी जब डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड(DGFT) ने (buffalo tallow) पर आधिकारिक आदेश को ड्राफ्ट दिया. DGFT के आदेश के मुताबिक, ”अब टैलो एक्सपोर्ट  APEDA रजिस्टर्ड एकीकृत मीट प्लांट से ही किया जा सकता है. इसके अलावा इसे APEDA द्वारा अप्रूव्ड लेबोरेटरीज से बायो-केमिकल टेस्ट कराना भी अनिवार्य होता है.”

जनवरी से लेकर मार्च 2015 तक 29.85 लाख की 74 हजार किलो चर्बी को एक्सपोर्ट किया गया. जबकि अप्रैल से अगस्त तक इस साल यह बढ़कर 36 गुना यानी तकरीबन 10.95 करोड़ हो गया. अप्रैल से अगस्त के बीच करीबन 2.7 मिलियन किलो मीट एक्सपोर्ट किया गया.

टैलो एक्सपोर्ट की कीमत में भी लगभग 40 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी देखी गई.

पहले भी हुआ है विवाद

इससे पहले भी आज से 32 साल पहले देश भर में वनस्पति घी में बीफ टैलो होने की बात को लेकर काफी बवाल मचा था. इस मुद्दे को उस समय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी और दूसरे विपक्षी नेताओं ने उठाया था. इन लोगों ने उस समय इस मुद्दे को तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी के खिलाफ एक बड़े राजनीतिक मुद्दे की तरह इस्तेमाल किया था.

जिसके बाद उग्र होते इस विवाद को लेकर उस समय इंदिरा गांधी ने टैलो इंपोर्ट को बैन कर दिया था. इसके अलावा उन्होंने सीबीआई जांच के आदेश भी दिए थे. इसे लेकर देशभर में कई गिरफ्तारियां भी हुई थीं.

कमाई इतनी ज्यादा हो गई है कि उस पर रोक लगाना अब मुमकिन नहीं है?

भारत से निर्यात किये जाने वाले भैंस के मीट को बोमइन कहा जाता है. सवाल उठता है कि मीट के निर्यात में हर साल इजाफा क्यों हो रहा है. क्या निर्यात से होने वाली कमाई इतनी ज्यादा हो गई है कि उस पर रोक लगाना अब मुमकिन नहीं है?

मीट निर्यात से जुडे लोग और व्यापारियों और जानकारों का कहना है कि लगातार बढती मांग और अच्छी गुणवता के चलते मीट निर्यात में लगातार बढोतरी हो रही है

आइए अब हम आपको आंकड़ों से समझाते हैं कि हर साल किस तरह बढ़ रहा है मीट का कारोबार- लोकसभा में 28 नवंबर 2014 को संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक 2011-12 के दौरान 13 हजार 741 करोड़ रुपये के मीट का कारोबार हुआ वहीं ये बढ़ कर 2012-13 में 17 हजार 409 करोड़ रुपये का हो गया. 2013-14 में पिछले सारे रिकॉर्ड को तोड़ते हुए निर्यात 26 हजार 457 करोड़ रुपये तक पहुंच गया.

आयात और निर्यात के प्रमोशन के लिए काम करने वाले संगठन एफआईईओ के मुताबिक भारत के मीट निर्यात कारोबार के स्तर में हाल के सालों में जबरदस्त सुधार आया है. गुणवत्ता में सुधार के चलते भारत के मीट की विदेश में मांग भी बढ़ी है. निर्यात कई देशों तक फैल चुका है.

Leave a Comment

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

बदलते मौसम में अक्सर हो जाती है गले में खराश, गर्मियों में ये उपाय करें! क्या आप भी अपने बच्चे की स्किन पर white patches देख कर हैं परेशान,जानिए इसकी वजह! चीनी को कर दें ना, वर्ना हो सकता है बहुत बड़ा नुक्सान ! पूरी बनाने के बाद, अक्सर तेल बच जाता है,ऐसे में महंगा तेल फैंक भी नही सकते और इसका reuse कैसे करें! रक्तदान है ‘महादान’ क्या आपने करवाया, स्वस्थ रहना है तो जरुर करें, इसके अनेकों हैं फायदे! गर्मियों में मिलने वाले drumstick गुणों की खान है, इसकी पत्तियों में भी भरपूर है पोषण! क्या storage full होने के बाद मोबाइल हो रहा है हैंग, तो अपनाएं ये तरीके!