मोदी सरकार अब भिखारियों की मदद लेने की तैयारी में है। बात थोड़ी अटपटी लगती है, लेकिन सच है। केंद्र सरकार स्वच्छ भारत अभियान, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ समेत तमाम ऐसे कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ट्रेनों में गाने वाले भिखारियों का सहारा लेगी।
सरकार ऐसे 3,000 भिखारियों को ट्रेनिंग देने वाली है, जो अहम शहरों की लोकल ट्रेनों में सरकार की अहम योजनाओं का ‘यशगान’ करेंगे। इसका मकसद इन ट्रेनों में रोजाना सफर करने वालों के बीच इन कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता और लोकप्रियता बढ़ाना है।
इस प्रॉजेक्ट की जिम्मेदारी सूचना और प्रसारण मंत्रालय का सॉन्ग एंड ड्रामा डिवीजन संभाल रहा है और ऑल इंडिया रेडियो को इस प्रॉजेक्ट के लिए पूरा अभियान तैयार करने को कहा गया है, जिसमें भिखारियों की ट्रेनिंग भी शामिल है। सरकारी अधिकारियों ने बताया कि पायलट प्रॉजेक्ट अगले महीने मुंबई में शुरू होगा और इसे अलग-अलग चरणों में बाकी शहरों में भी शुरू किया जाएगा।एक अधिकारी ने बताया, ‘हमारी फील्ड पब्लिसिटी रिपोर्ट बताती है कि मुंबई की लोकल ट्रेनों में इस तरह के भिखारियों की संख्या काफी ज्यादा है और कई ऐसे भिखारी हैं, जिनका पूरा परिवार गाने गाकर भीख मांगता है। इनमें से कई तो अनुभवी गायक हैं। हम इसे रोजी-रोटी के मौके की तरह भी देख रहे हैं। यह उनकी क्षमताओं के उपयोग का बेहतर तरीका है।’ उनका यह भी कहना था कि सरकार इस प्रॉजेक्ट में गैर-सरकारी संगठनों और एक्सपर्ट्स की भी मदद लेगी।
इस प्रॉजेक्ट से जुड़े मिनिस्ट्री के कॉन्सेप्ट नोट में कहा गया है कि इन गायकों के लिए ‘कंपनसेशन मॉडल’ तैयार किया जा रहा है। एक अधिकारी ने बताया, ‘अब उन्हें भीख मांगने की जरूरत नहीं होगी। हम इनसेंटिव मॉडल बनाने पर काम कर रहे हैं।’ उनके मुताबिक, पिछले महीने सरकार की मीडिया यूनिट्स के प्रतिनिधियों ने इस प्रॉजेक्ट के आइडिया पर चर्चा की और अब इस पर फील्ड पब्लिसिटी अधिकारी काम कर रहे हैं।
इस प्रॉजेक्ट के तहत संभावित उम्मीदवारों की पहचान कर उनके लिए ट्रेनिंग का इंतजाम किए जाने का काम है। अधिकारियों ने बताया कि इस कैंपेन के लिए बच्चों की भर्ती नहीं की जाएगी और मीडिया यूनिट्स में प्रमोशन प्रोग्राम के लिए गाने तैयार करने पर काम शुरू हो चुका है।