fbpx
केदारनाथ धाम: प्रकृति की अतुलनीय सुंदरता और रोमांच का मिलन 2

केदारनाथ धाम: प्रकृति की अतुलनीय सुंदरता और रोमांच का मिलन

मंदाकिनी नदी के किनारे विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर 3500 मी0 के लगभग उंचाई पर स्थित है और 1000 वर्षो से भी ज्यादा पुराना है । कहा जाता है कि इसका निर्माण पांडवो ने या उनके वंशज जन्मेजय द्धारा करवाया गया था और इसका जीर्णोद्धार जगदगुरू आदि शंकराचार्य जी ने कराया था । श्री केदार नाथ जी को पंचकेदारो में भी गिना जाता है जिसके बारे में इस तरह की कथा प्रचलित है कि महाभारत के युद्ध में पांडव विजयी तो हो गये पर वे अपने ही भाइयो की हत्या करने के पाप से मुक्ति चाहते थे और भगवान शंकर जी से इस बारे में आर्शीवाद चाहते थे पर भगवान शंकर ऐसा नही चाहते थे इसलिये काशी में जब पांडव पहुंचे तो भगवान शंकर वहां से केदार में पहुंच गये ।

1


पांडव भी पीछे पीछे वहीं आ पहुंचे । उनसे छुपने के लिये भगवान शंकर ने बैल का रूप धारण कर लिया और वहां चर रहे और पशुओ में जा मिले । पांडवो ने उन्हे पहचान लिया और उनको वास्तविक रूप में मिलने के लिये भीम ने अपना विशाल रूप धारण कर दो पहाडो पर फैला दिया । और सब पशु तो भीम के नीचे से होकर निकल गये पर बैल के रूप में मौजूद भगवान शिव ने ऐसा नही किया । अब संदेह पक्का हो गया था सेा भीम बैल को पकडने के लिये झपटे तो बैल गायब हो गया और जब प्रकट हुआ तो धड से उपर का भाग काठमांडू में पशुपतिनाथ के रूप में और भुजाऐं तुंगनाथ में , मुख रूद्रनाथ में , नाभि मदमहेश्वर में और जआ कल्पेशवर में प्रकट हुए । इन चार स्थानो के साथ श्री केदारनाथ को पंचकेदार कहा जाता है

मंदिर वास्तुकला का नायाब नमूना है । मंदिर के गर्भगृह में नुकीली चटटान को शिवलिंग के रूप में पूजा जाता है । मंदिर के गर्भगृह में अंधेरा रहता है और मध्यम रोशनी में लिंग के दर्शन होते हैं । सर्दियो में केदारनाथ में बर्फ पडती है और वो भी 10 फुट से भी ज्यादा इसलिये 6 महीने तक यहां कोई नही रहता और केवल 6 महीने ही पूजा होती है । बैसाखी के बाद मुहूर्त तय करके कपाट खुलते हैं । इन बाकी के 6 महीनो में केदारनाथ की पंचमुखी प्रतिमा की पूजा उखीमठ में होती है । केदारनाथ जी का बडा महत्व है जैसे बद्रीनाथ धाम हिंदुओ के चार धामो में से एक है वैसे ही केदारनाथ उत्तराखंड के चार धामो में से एक व बारह ज्योर्तिलिंगो में स्थान रखता है पौराणिक कथाऐं तो इस क्षेत्र से इतनी जुडी है उतने ही इस क्षेत्र में शिवजी के मंदिर हैं । शिव का इस सारे क्षेत्र में वास माना जाता है ।5
Source-TravelUFO

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सर्दियों में इन गलतियों की वजह से लगती है कार में आग, जानें कैसे करें बचाव! Dev Uthani Ekadashi 2023: 22 या 23 किस दिन है देवउठनी एकादशी? आज से छठ पूजा की हो गई है शुरुआत, जानिए पूजा मुहूर्त और विधि! दिवाली के पांच त्यौहार कौन से हैं ,आप भी जानिए! इज़राइल के बारे में 8 अनोखे तथ्य जो लोगों को पता नहीं होंगे – पार्ट २ आपके बालों की समस्या को कम करता है नेचुरल हेयर मास्क Top Online Marketplaces In India To Buy or Sell Products