सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में 1 नवंबर तक पटाखों की बिक्री बैन कर दी है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने सभी स्थायी और अस्थायी लाइसेंसों को निलंबित कर दिया है।इसलिए दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोगों की दिवाली शान्त बीतने वाली हैं। इस बार दिवाली 19 अक्तूबर को है।
1 नवंबर से पटाखे बिक सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एक बार ये टेस्ट करना चाहते हैं कि दिवाली पर किस तरह के हालात होंगे।साथ ही साफ किया गया है कि पटाखे बनाने में लिथियम, लेड, पारा, एंटीमोनी व आर्सेनिक जैसे खतरनाक पदार्थों का इस्तेमाल भी नहीं किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस को आदेश दिया है कि वह इस बार सख्ती बरतते हुए दिल्ली में पटाखे बेचने के लिए मात्र 500 लाइसेंस ही जारी करे। इससे ज्यादा लाइसेंस नहीं दिए जाएं। यह नियम एनसीआर के सभी शहरों पर भी लागू होंगे।
यह भी पढ़ें : धर्मग्रंथों के ‘ट्रेडमार्क’ पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला
सुप्रीम कोर्ट के अगले आदेश तक दिल्ली-एनसीआर में दूसरे राज्यों से पटाखे नहीं लाए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन लाइसेंस धारी दुकानदारों के पास पटाखे हैं वो अपना पटाखे बेच सकते हैं या दूसरे राज्यों को निर्यात कर सकते हैं।
दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री और भंडारण पर रोक लगाने वाले नवंबर 2016 के आदेश को बरकार रखते हुए यह फैसला सुनाया।स्थाई लाइसेंस निलंबन कुछ वक्त के लिए हटाया गया है।
यह भी पढ़ें :राजीव गांधी हत्याकांड- सुप्रीम कोर्ट का अहम फ़ैसला, सजा माफी का अधिकारी राज्यों को नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दीपावली के बाद वायु की गुणवत्ता को देखते हुए इस मामले में सुनवाई की जाएगी। कोर्ट ने सरकार को एक समिति के गठन का निर्देश दिया है। यह कमेटी कोर्ट को 31 दिसंबर 2017 तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
पिछले साल भी कुछ बच्चों ने सुप्रीम कोर्ट में पटाखा बैन को लेकर अर्जी डाली थी।सुप्रीम कोर्ट में तीन बच्चों की ओर से दाखिल एक याचिका में दशहरे और दीवाली पर पटाखे जलाने पर पाबंदी लगाने की मांग की गई थी।ऐसा पहली बार हुआ जब बच्चे पटाखा बैन करने के लिए कोर्ट के दरवाजे पर जा पहुंचे।इन बच्चों की उम्र 6 से 14 वर्ष के बीच बताई जा रही है।