पहचान के लिए 12 अंकों के आधार की बजाए 16 अंकों की एक नई वर्चुअल आईडी :
आधार कार्ड को लेकर सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। सरकार द्वारा 16 अंकों का दूसरा आधार लाए जाने की घोषणा की गई है। आधार का डाटा लीक होने के बाद सरकार ने ये बड़ा फैसला लिया है। अब पहचान के लिए 12 अंकों के आधार की बजाए 16 अंकों की एक नई वर्चुअल आईडी का इस्तेमाल होगा।
सूत्रों के मुताबिक, यह आधार की जगह ले लेगा। यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने गुरुवार को दो स्तर का एक सुरक्षा नेट तैयार किया है। इसके तहत हर शख्स की एक वर्चुअल आईडी बनाई जाएगी और आधार आधारित केवाईसी को सीमित किया जाएगा। सभी एजेंसियां 1 जून तक इस सिस्टम को अपना लेंगी।
 डाटा पूरी तरह से रहेगा सुरक्षित :
गौरतलब है कि अंग्रेजी अखबार ट्रिब्यून द्वारा ये खबर छापी गई थी कि500 रुपए देकर 10 करोड़ लोगों के आधार की जानकारी हासिल की जा सकती है लेकिन UIDAI ने इन खबरों को गल्त बताया था। यूआईडीएआई ने इस रिपोर्ट से इनकार कर दिया है। यूआईडीएआई ने आश्वासन दिया है कि यह डाटा पूरी तरह से सुरक्षित है।
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अमरीकी व्हिसल ब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन ने दी थी चेतावनी कुछ दिन पहले ही अमेरिकी व्हिसल ब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन ने चेतावनी दी थी कि आधार डाटाबेस का मिसयूज किया जा सकता है। स्नोडेन ने यह बात ऐसे वक्त पर कही है जब आधा डाटा की सुरक्षा को लेकर कई तरह की खबरें आ रही हैं। इस बयान से एक दिन पहले यह खबर आई थी कि महज 500 रुपए में आधार डाटा उपलब्ध है।
इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए यूआईडीएआई ने कहा कि उनका सिस्टम पूरी तरह सिक्योर है और इसके मिसयूज को तुरंत पकड़ा जा सकता है। डाटाबेस में डाटा चोरी की बात उठी अथॉरिटी ने अपने बयान में कहा था कि, ‘बायोमीट्रिक डाटाबेस से डाटा चोरी का कोई मामला सामने नहीं आया है, यह पूरी तरह सुरक्षित है।
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सर्च फैसिलिटी पर उपलब्ध जानकारी के बिना बायोमीट्रिक्स का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता।’ यूआईडीएआई ने कहा था कि आधार नंबर कोई सीक्रेट नंबर नहीं है और आधार होल्डर की मर्जी पर किसी सेवा या सरकारी वेलफेयर स्कीम्स का फायदा लेने के लिए इसे अधिकृत एजेंसियों के साथ साझा किया जाता है।