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ओशो के कुछ ऐसे विचार जो हमारा आज और कल बेहतर बना सकते हैं 2

ओशो के कुछ ऐसे विचार जो हमारा आज और कल बेहतर बना सकते हैं

रजनीश (११ दिसम्बर १९३१ – १९ जनवरी १९९०) का जन्म भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन शहर के कुच्वाडा गांव में हुआ था।  1960  के दशक में वे ‘आचार्य रजनीश’ के नाम से एवं 1970 -1980  के दशक में भगवान श्री रजनीश नाम से और ओशो 1981  के समय से जाने गये। ओशो का जीवन विवादस्पद तो रहा ही है, लेकिन उनके ज्ञान और धारणाओं की वजह से उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृति भी मिली है. आज हम नज़र डालते हैं ओशो के ऐसे कुछ विचारों पर जो आपके जीवन में ख़ुशी और प्रेम का संचार करेंगे.

1. केवल वो लोग जो कुछ भी नहीं बनने के लिए तैयार हैं प्रेम कर सकते हैं.

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2. यहाँ कोई भी आपका सपना पूरा करने के लिए नहीं है. हर कोई अपनी तकदीर और अपनी हक़ीकत बनाने में लगा है.

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3.अगर आप सच देखना चाहते हैं तो ना सहमती और ना असहमति में राय रखिये

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4.कोई चुनाव मत करिए. जीवन को ऐसे अपनाइए जैसे वो अपनी समग्रता में है.

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5.जब प्यार और नफरत दोनों ही ना हो तो हर चीज साफ़ और स्पष्ट हो जाती है.

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6.जीवन ठेहराव और गति के बीच का संतुलन है.

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7.मूर्ख दूसरों पर हँसते हैं. बुद्धिमत्ता खुद पर

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8.उस तरह मत चलिए जिस तरह डर आपको चलाये. उस तरह चलिए जिस तरह प्रेम आपको चलाये. उस तरह चलिए जिस तरह ख़ुशी आपको चलाये.

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9.किसी से किसी भी तरह की प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता नहीं है. आप स्वयं में जैसे हैं एकदम सही हैं. खुद को स्वीकारिये.

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10.आप जितने लोगों को चाहें उतने लोगों को प्रेम कर सकते हैं- इसका ये मतलब नहीं है कि आप एक दिन दिवालिया हो जायेंगे, और कहेंगे,” अब मेरे पास प्रेम नहीं है”. जहाँ तक प्रेम का सवाल है आप दिवालिया नहीं हो सकते.

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11.सवाल  ये नहीं है कि कितना सीखा जा सकता है…इसके उलट , सवाल ये है कि कितना भुलाया जा सकता है

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12.मित्रता शुद्धतम प्रेम है. ये प्रेम का सर्वोच्च रूप है जहाँ कुछ भी नहीं माँगा जाता , कोई शर्त नहीं होती , जहां बस देने में आनंद आता है.

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13.कोई प्रबुद्ध कैसे बन सकता है? बन सकता है, क्योंकि वो प्रबुद्ध होता है- उसे बस इस तथ्य को पहचानना होता है.

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14.यदि आप एक दर्पण बन सकते हैं तो आप एक ध्यानी बन सकते हैं. ध्यान दर्पण में देखने की कला है. और अब, आपके अन्दर कोई विचार नहीं चलता इसलिए कोई व्याकुलता नहीं होती.

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15.जिस दिन आप ने सोच लिया कि आपने ज्ञान पा लिया है, आपकी मृत्यु हो जाती है- क्योंकि अब ना कोई आश्चर्य होगा, ना कोई आनंद और ना कोई अचरज. अब आप एक मृत जीवन जियेंगे.

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Source-Achhikhabar.com

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