आम तौर पर लड़कियों को स्कूटी या कार चलाते हुए देखा जाता है, लेकिन कुछ लड़कियां ऐसी भी हैं सुपर बाइक से सड़कों पर फर्राटा भरती हुई नजर आती है। जी हाँ आज वीमेन डे पर हम आपको एक ऐसी लड़की के बारे में बता रहे हैं जो दिल्ली की सड़कों पर सुपर बाइक से फर्राटा भरती नजर आती है। इस लड़की की इस अदा ने उसे पूरे भारत भर में चर्चा का विषय बना रखा है।
22 साल की रोशनी मिस्बाह दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में अरब इस्लामिक कल्चर की पढ़ाई कर रही है। हर दूसरी लड़की तरह की रोशनी मिस्बाह भी है, लेकिन बाइक राइडिंग के शौक ने उनकी पहचान दूसरी लड़कियों से अलग बनाई। दिल्ली की सड़कों पर बाइक चलाने के कारण उनको ‘हिजाबी बाइकर’ का टाइटल दिया गया है।
ईस्ट दिल्ली में रहने वाली रौशनी मिस्बाह पंजाबी मुस्लिम है और हिजाब पहनकर बाइक चलाने के कारण वो हिजाबी बाइकर के नाम से मशहूर हैं। 23 साल की मिस्बाह कहती हैं कि मेरे पापा सुपरबाईक चलाते थे. उनको देखकर मेरे अंदर शौक़ जागा. मेरे अंदर ही अंदर बाईक चलाने की ख्वाहिश लगातार जोर मार रही थी लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी कि मैं अपनी ख्वाहिश अपने परिवार से कहूं।
रौशनी आगे बताती हैं कि एक दिन मैंने हिम्मत करके अपने पापा से कहा कि मुझे भी बाईक चलाने के लिए खरीदनी है. पहले तो मेरे पूरे परिवार वालों ने इनकार कर दिया, लेकिन मेरी जिद और गुज़ारिश के आगे मेरी मांग मानने को तैयार हो गए. 2016 में उन्होंने सबसे पहले मुझे बुलेट दिलवाई जिससे मेरी शुरुआत हुई।
रिपोर्ट्स के मुताबिक रोशनी मिस्बाह विंडचेजर्स और दिल्ली रॉयल एनफील्ड राइडर्स ग्रुप की सदस्य है। रोशनी का कहना है कि उन्होंने नौवीं क्लास में बाइक थामी थीं और उस समय भी उन्होंने हिजाब पहना हुआ था। मोटरसाइकिल चलाना मेरे जीन में है।
रोशनी ‘The Bikerni’ ग्रुप का भी हिस्सा है। जो कि सामान्य रूप से महिलाओं का एक समूह है जिसका उद्देश्य मोटर साइकिल के माध्यम से महिलाओं में जागरुकता पैदा करना और महिलाओं को रोमांच के लिए प्रेरित करना है।
रौशनी मिस्बाह कहती हैं कि इस्लामी रीति-रिवाज के मुताबिक हिजाब मेरी ज़िन्दगी है, इसलिए हिजाब पहनकर बाईक चलाती हूं. मेरे परिवार वालों को तो कोई ऐतराज़ नहीं था, लेकिन शुरू शुरू में समाज में इसकी प्रतिक्रिया हुई, लेकिन अब सब कुछ सामान्य है. सुपरबाईक के साथ मिस्बाह जब घर से यूनिवर्सिटी जाने के लिए सड़क पर निकलती हैं तो लोग देखकर दंग रह जाते हैं।
1800 से 2300 सीसी की स्पोर्ट्स से लेकर क्रूजर बाईक चलाने की शौक़ीन रौशनी मिस्बाह जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के इंडिया अरब कल्चर सेंटर के तहत अरब और इस्लाम कल्चर विषय में एमए की स्टूडेंट हैं. लेकिन इनके शौक़ में शिक्षा कभी आड़े हाथ नहीं आई. हमेशा उनके जुनून के आगे छुट्टी देने में उनके गुरु भी पीछे नहीं रहे और साथी भी हमेशा मनोबल को बढ़ने में आगे रहे जिससे उनकी हिम्मत में लगातार इज़ाफ़ा होता गया।
रोशनी गाजियाबाद में रहती हैं। ब्लैक लेदर जैकेट, जीन्स, हाई हील बूट और सिर पर हिजाब पहन जब रोशनी घर से बाइक लेकर निकलती हैं, लोग मुड़-मुड़ कर देखते नहीं थकते। रोशनी का यह फैशन उन लोगों के लिए भी एक सबक है, जिन्हें लगता है कि महिलाओं और लड़कियों को घर की चारदीवारी में ही रहना चाहिए।
रौशनी मिस्बाह का मानना है कि सरकार को शिक्षा के साथ महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए. सिर्फ कैम्पेन और रैली के ज़रिये कुछ खास नहीं होगा. मज़बूत इरादे के साथ एक्शन की ज़रूरत है ताकि महिलाओं की सुरक्षा हो सके. रौशनी का मानना है कि महिला और पुरुष के बीच के दायरे जब तक ख़त्म नहीं होंगे तब तक महिलाओं का भला नहीं होने वाला।