सबसे पहले सिंध क्षेत्र में बनाया गया था, सेंधा नमक:
आयुर्वेद में सेंधा नमक को सबसे शुद्ध नमक के रूप में देखा जाता है। क्योंकि यह अनप्रोसेस्ड होता है।सेंधा नमक को आयुर्वेद में सैंधावा भी कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि इसे सबसे पहले सिंध क्षेत्र में बनाया गया था।
यह नमक खाने के लिए सबसे अच्छा नमक माना गया है। यह हल्का सफ़ेद-गुलाबी सा नमक क्रिस्टल और पाउडर रूप में बाज़ार में मिलता है जो ज्यादातर व्रत के दौरान खाने में प्रयोग किया जाता है।
यह सूखी हुई नमक के झील की खानों से निकाला जाता है। सेंधा नमक में किसी भी प्रकार का केमिकल नहीं होता।
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सफेद नमक में आयोडीन मिलाया जाता है:
वहीं दूसरी तरफ आप जो सफेद नमक खाते हैं उसे वाष्पीकरण से बनाया जाता है। इस नमक में सोडियम सामान्य नमक से कुछ कम मात्रा में होता है और उसमें आयोडीन भी मिलाया जाता है। जबकि इस नमक की तासीर गर्म होती है।
नवरात्रि के दौरान व्रत में सेंधा नमक शरीर को ठंडा पहुंचाता है:
नवरात्रि के दौरान व्रत रखने वाले लोग आमतौर पर सेंधा नमक ही खाते हैं। सेंधा नमक में दरअसल शरीर को ठंडा पहुंचाने वाले गुण होते हैं।
सेंधा नमक में सोडियम का स्तर कम होता है और पोटैशियम ज्यादा होता है। इसलिए यह ब्लड प्रेशर को प्रभावित किए बिना ही इलेक्ट्रोलाइट्स को मेंटेन रखता है।
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नवरात्रि साल में दो बार आती है, जब मौसम में बदलाव होता है। इसलिए इस दौरान व्रत रखने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है।
जब आप व्रत करते हैं तो आप जो भी थोड़ा बहुत खाते हैं, उसके पोषक तत्व का आप भरपूर लाभ उठा सकें, इसलिए सेंधा नमक खाने की सलाह दी जाती है।
सेंधा नमक के फायदे:
यह नमक ह्रदय के लिए अच्छा होता है। डिप्रेशन, स्ट्रेस कण्ट्रोल करता है। मांसपेशियों के खिचाव और जकड़न से राहत देता है।
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सेंधा नमक आंखों के लिए अच्छा होता है। यह रक्तचाप का स्तर बनाए रखने में मददगार होता है। इसमें आयरन, जिंक, मैग्नीशियम और कॉपर जैसे खनीज होते हैं।
प्रोसेस्ड फूड को पचने में वक्त लगता है। सेंधा नमक में किसी प्रकार का मिश्रण नहीं होता।