सपनों का राजकुमार / सपनों की शहजादी :
अक्सर लोग अपना जीवनसाथी चुनते समय बहुत भावनाओं में बह जाते हैं। वहीं कुछ लोग होते है, जो शादी को लेकर बहुत ज्यादा गंभीर होते हैं।
ज्यादातर लोग चाहते हैं कि उनके पार्टनर में तमाम खूबियां हों, इसीलिए जीवनसाथी के लिए ‘सपनों का राजकुमार’ या ‘सपनों की शहजादी’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन असल जिंदगी में किसी भी इंसान में सारी खूबियां मिलना मुमकिन नहीं है।
अगर आप भी अपने जीवनसाथी को चुनने जा रहे है तो ऐसी गलतियां कभी न करें।
अरेंज्ड मैरिज:
अरेंज्ड मैरिज में अक्सर यह सवाल उठता है कि एक-दो मुलाकात में किसी को पहचानें कैसे? यह सच भी है लेकिन कुछ बातों पर गौर कर हम सामनेवाले की पर्सनैलिटी का अनुमान लगा सकते हैं।
अरेंज्ड मैरिज में भी शुरूआती मुलाकातों में इसी तरह की बातें होती हैं। लड़की अगर हर हाल में अडजस्टमेंट की बात करती नजर आती है तो लड़का उसके सारे सपने पूरे करने का वादा करता है।
यह भी पढ़ें: रिश्ते नाते हमारी जिंदगी का एहम हिसा है इनको आंच न आने दे…….
लेकिन इस तरह की बातों पर आंख मूंदकर यकीन न करें। इन जज्बाती बातों व वादों और हकीकत के बीच बहुत बड़ा फर्क होता है। हकीकत पर गौर करें और सामनेवाले के वादों को खुद तौलें।
सुंदरता के साथ व्यवहार भी अवश्य देखें:
पार्टनर चुनते समय उसकी सुंदरता के साथ-साथ उसका व्यवहार भी अवश्य देंखे क्योंकि जिंदगी सुदंरता से नहीं बल्कि आप दोनों के व्यवहार से ही चलती हैं।
सफलता देख कर शादी:
कई लोग ऐसे होते है, जो इंसान की उपलब्धियों या सफलताओं को देखकर उससे शादी तो कर लेते हैं लेकिन उन पति-पत्नि के बीच बहुत ज्यादा बनती नहीं।
इच्छाशक्ति किसी भी रिश्तेका आधार है। अगर आपको लगता है कि आप पसंद का पार्टनर नहीं तलाश पाएं हैं लेकिन रिश्ते को बनाएरखना चाहते हैं तो थोड़ी कोशिश कर आप इसमें कामयाब हो सकते हैं।
परिवार की भावनाओं में बहकर शादी बिल्कुल भी न करें:
शादी के बाद सारी जिंदगी आप दोनों ने एक-दूसरे के साथ ही रहना होता हैं। इसलिए शादी करने का निर्णय भी आप दोनों का ही होना चाहिए।
यह भी पढ़ें: शादी से एक दिन पहले दुल्हन को होना पड़ा एडमिट, बारात लेकर हॉस्पिटल पहुंच गया दूल्हा
परिवार की भावनाओं में बहकर शादी बिल्कुल भी न करें। शादी अपनी पसंद से ही करें न कि परिवार के दबाव में आकर।
मत सोचिए लोग क्या कहेंगे, क्यूंकि लोगों का काम है कहना :
कई बार रिश्ता तय होने के बाद और शादी से पहले लड़के/लड़की या परिजनों को महसूस होने लगता है कि कहीं कुछ गड़बड़ है।
अब अगर रिश्ता तोड़ेंगे तो बदनामी होगी या लोग क्या कहेंगे? ऐसा न सोचें। रिश्ता तोड़ना आसान है, बजाय जिंदगी भर दुखी रहने के।
लव मैरिज:
प्यार और आकर्षण में लोग अक्सर फर्क नहीं कर पाते और शादी की जिद ठान लेते हैं। सिर्फ प्यार के लिए शादी न करें। आप एक-दूसरे से प्यार करते हैं, तो सोचें कि प्यार क्यों करते हैं और यह प्यार कब तक टिक पाएगा।
आप प्यार को अपनी मजबूती बनाएं, कमजोरी नहीं। अगर आपसी समझ होगी और रिलेशनशिप अच्छा होगा तो प्यार शादी के बाद भी हो जाएगा लेकिन प्यार है और समझ गायब है तो रिश्ता टिक नहीं पाएगा।
मदद और अच्छा व्यवहार:
हो सकता है, उसने आपकी पहले बहुत सारी मदद की हो लेकिन जरूरी नहीं कि उसका व्यवहार आपके साथ पहले जैसा ही हो। क्या पता आगे चलकर उसका ऐसा व्यवहार आपके प्रति बहुत बदल जाए।
पेशे को देख शादी:
कुछ लोग अपने पेशे के हिसाब से ही अपना पार्टनर को चुनते हैं। ऐसा लव मैरिज में अधिकतर देखा गया है ,वह यह सोचकर शादी करते कि शादीशुदा जिदंगी अच्छी बितेगी लेकिन असल में ऐसा कुछ होता ही नहीं है।
प्यार के लिए शादी:
शादी करने के लिए प्यार ही बहुत जरूरी नहीं होता। इसके लिए आप दोनों का व्यवहार एक-दूसरे से मेल खाता, वित्तीय स्थिरता भी बहुत मायने रखती हैं।