एलर्जी क्या है?
जब शरीर किसी भोजन के जरिये शरीर में जाने पर सामान्य रूप से प्रतिक्रिया करता है। यह अवस्था एलर्जी कहलाती है। इसी प्रकार जब बच्चा कोई भोजन लेता है, तो कुछ स्थितियों में उसका शरीर भी प्रतिक्रिया कर देता है। इस अवस्था में शरीर में हिस्टामइन नाम का रसायन पैदा कर देता है।
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छोटे बच्चों में फूड एलर्जी का तब तक पता नहीं चल पाता है, जब तक वो पहली बार उसे ना खाएं। उस फूड से रिएक्शन होने पर, पैरेंट्स को इसका पता चलता है। अगर आपके बच्चे को फूड एलर्जी है, तो आप पीडियाट्रिशियन को जरूर दिखाएं। डॉक्टर पता लगाएंगे कि बच्चे को किस फूड से दिक्कत हो रही है और इस पर क्या ट्रीटमेंट होगी।
ऐसे में आइए जानते हैं, इसके लक्षण और बचाव के उपाय।
बच्चे में फूड एलर्जी के लक्षण:
पेट दर्द, उल्टी, ऐंठन, दस्त, खुजली वाले रैशेज, सांस लेने में दिक्कत, सांस लेते समय घरघराहट की आवाज, दस्त, कब्ज, मल में खून आना, होंठ-ज़ुबान और चेहरे पर हल्की सूजन, आँखों में हल्की लाली और पानी आना, छींके आना और नाक से पानी आना, छींक और खांसी का एकसाथ आना।
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फूड एलर्जी से बच्चे को कैसे बचाएं:
- इस बात का विशेष ध्यान रखें, पहले छह महीने तक केवल स्तनपान ही करवाएँ।
- जब तक बच्चा छह महीने की आयु पूरी नहीं कर लेता तब तक उसे ठोस आहार देना शुरू न करें।
- आपके परिवार में किसी को एलर्जी की शिकायत पहले से रही हो। ऐसे में छोटे बच्चे को किसी नए आहार का स्वाद देने से पहले “तीन दिन वाले नियम” का पालन करें।यानि 72 घण्टे तक नई चीज खाने को न दें।
- अगर आप बच्चे को अधिक समय तक स्तनपान करवातीं हैं तो घबराएँ नहीं। यह बिलकुल भी गलत नहीं है। सच तो यह है की इससे बच्चे में एलर्जी होने की संभावना न्यूनतम हो जाती है।