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कहीं हम पागल तो नहीं है? एक दूसरें को हैप्पी बर्थ डे या हेप्पी न्यू ईयर कहकर 2

कहीं हम पागल तो नहीं है? एक दूसरें को हैप्पी बर्थ डे या हेप्पी न्यू ईयर कहकर

शादी का शुभ मुहूर्त के लिए क्यूँ जाते हैं ? पंडित के पास :

इस लेख का धर्म के आधार पर अर्थ मत निकालिए। आप सोचिए हिन्दू, तिथि, पंचाग, ग्रह नक्षत्र के आधार पर अपना त्यौहार मनाते है। मुस्लिम चाँद के आधार पर अपना त्योहार मनाते है। शादी या शुभ समारोह के लिए पंडित से मुहूर्त निकलवाने जाते है।

शादी मुहर्त

क्यों जाते है आप? क्यों कि आप ड़रते है कि हमारे कार्य में किसी भी प्रकार की बाधा ना आए। तो फिर क्यों नहीं आप अपना जन्म दिन या शादी की वर्शगाँठ, तिथि, ग्रह नक्षत्र के आधार पर मनाते है?

हमारे परिवार में आजकल कलह का क्या कारण :

एक बात है आपकी शादी तो पंडित के मुहूर्त के अनुसार करते है और शादी की वर्श गाँठ पाष्चात्य संस्कृति की दिनांक के अनुसार मनाते तो फिर कैसे आपके जीवन में बरकत आएगी। धिक्कार है आपको पाष्चात्य संस्कृति के चक्कर में आकर आप अपनी शादी की वर्श गाँठ, अपना जन्म दिन तारीख के अनुसार मना रहे है।

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इसिलिए तो हमारे परिवार में आजकल कलह का कारण है। क्यों कि अगर वास्तव में आप अपना जन्मदिन तिथि के अनुसार मनायेंगे तो आपके पितृ भी आप पर खुश रहेंगे। तो ही आपके परिवार में शांति बनी रहेगी।

एक चालाक बन्दर का कमाल :

अतः आप हमारे बहुत सारे तर्कों  की प्रतिक्षा मत कीजिए। आप अपना नया साल भी तिथि के अनुसार मनाइए। आप इस लेख को समझ गए होंगे नहीं तो आप ऐसे समझिए कि एक बन्दर था उसे दो बिल्लियों में एक रोटी के दो टूकड़े करने थे उसने हर बार एक टूकड़े को भारी रखा और थोड़ा सा खा जाता पूरी रोटी खाने के बाद बिल्लियों के हाथ कुछ ना लगा। ठीक उसी प्रकार से पाष्चात्य संस्कृति ने दो धर्मों के लोगों के मध्य चालाक बंदर की तरह किया और अपने अनुसार आपकी जीवन शैली बिगाड़ने में सफल रही।

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कहीं हम पागल तो नहीं है? एक दूसरें को हैप्पी बर्थ डे या हेप्पी न्यू ईयर कहकर 3

अतः आप बिल्ली बनकर कर हैप्पी न्यू ईयर की आवाजे म्याउं-म्यांउ बनकर मत निकालिए। आप हेप्पी न्यू ईयर का विरोध मत करिए वरन् अपना कोई नया त्योंहार उस दिन प्रारम्भ कर दीजिए। उसे मनाईए भी मत। अपना जन्म दिन वैदिक तिथि के अनुसार मनाईए आपके जीवन में सदैव बरकत रहेगी। बिश्वास है कि आप इसे सामाजिक मिडिया पर भी शेयर करेंगे।

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