हमारे देश में वैश्यावृत्ति गैर-कानूनी है. हमारे समाज में भी जो लोग इस कार्य में लिप्त होते हैं उन्हें घृणा की नज़र से देखा जाता है. लेकिन भारत में ऐसी कुछ जगह हैं जहां पिछले 400 सालों से आजीविका कमाने का एक ही स्रोत है और वो है देह व्यापार या वैश्यावृत्ति. अब आप इसे परंपरा कह सकते हैं या मजबूरी, लेकिन हकीकत तो ये है कि अपने परिवार और बच्चों के लालन-पालन के लिए इनके पास बस यही तरीका है.
1. नटपुरवा, उत्तर प्रदेश
नट जाति के लोग पिछले 400 सालों से नटपुरवा गांव के निवासी हैं और करीब 5000 की जनसंख्या वाले इस गांव के लोगों के लिए वैश्यावृत्ति ही आमदनी का ज़रिया है. यहां के बच्चे अपनी मां के साथ रहते हैं और पिता का कोई पता नहीं होता. स्कूल वगैरह बनने के बावजूद भी यहां वैश्यावृत्ति प्रचलन में है.
2. कर्नाटक की देवदासियां
देवदासियां हिन्दू देवी येल्लम्मा की पूजा करती हैं. देवदासी शब्द का अर्थ ही है ‘देवों की दासी’. इनके रीति-रिवाज़ों के अनुसार, देवदासियों के बच्चों की शादी भी देवी येल्लम्मा से होती है, जिसके बाद उनका पूरा जीवन देवी की सेवा में व्यतीत होता है. यहां देवदासियों की वर्जिनिटी की नीलामी होती है जिसके बाद उनका पूरा जीवन वैश्या के रूप में बीतता है,और ऐसे ही पैसे कमा कर वो अपने परिवार की देख-भाल कर पाती हैं. गैर-कानूनी होने के बावजूद भी, इस गांव की अंधेरी गलियों में ये धंधा फलता-फूलता है.
3. वाडिया, गुजरात
पुरातन काल से इस गांव की औरतें वैश्यावृत्ति से अपने परिवार को पालती हैं और सबसे चौंकाने वाली बात तो ये है कि उनके पति भी इस धंधे में उनका साथ देते हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो इस गांव के मर्द ही दलाल होते हैं. ये प्रथा कई सालों से चली आ रही है, इसीलिए ये व्यापार यहां चलता आ रहा है. शिक्षा और सामूहिक विवाह जैसी कोशिशों का भी इस प्रथा पर कोई असर नहीं पड़ा है.
4. मध्य प्रदेश के बचारा आदिवासी
इस जाति की औरतें ही घर संभालती हैं और यहां की प्रथा के अनुसार, परिवार को सहारा देने के लिए सबसे बड़ी बेटी को बेच दिया जाता है. आश्चर्यजनक बात तो ये है कि इस परिवार के पिता और भाई ही इस खरीद फरोख्त का काम करते हैं.
कहते हैं न कि वैश्यावृत्ति दुनिया का सबसे पुराना व्यापार है, लेकिन भारत में गैर-कानूनी होने के बावजूद भी ये चलता आ रहा है. कुछ लोग इसे घोर पाप समझेंगे तो कुछ मजबूरी. लेकिन हमारे लिए टिप्पणी करना आसान है क्योंकि हम वो ज़िन्दगी नहीं जी रहे हैं. आप क्या सोचते हैं, कमेंट कर के ज़रूर बताएं.
Source – Gazab Post