fbpx
प्रेरणा: पैरालाइज्ड होने के बाबजूद सालों से बिस्तर पर लेटकर चला रहीं हैं स्कूल 2

प्रेरणा: पैरालाइज्ड होने के बाबजूद सालों से बिस्तर पर लेटकर चला रहीं हैं स्कूल

अगर मजबूत हौसला और पक्के इरादे हो तो इंसान कितनी भी बड़ी चुनौती का सामना कर सकता है। हम अक्सर जरा सी दिक्कत होते ही परेशानी में आ जाते हैं. ऐसे समय पर हम कुछ सोच नहीं पाते और परेशानी से लड़ने की बजाए, बस अपने आपको कोसने लगते हैं. लेकिन दुनिया में ऐसे कम ही लोग हैं, जो जीवन की बड़ी से बड़ी अड़चन को हंसते-खेलते पार कर जाते हैं. और लोगों के सामने एक मिसाल खड़ी करते हैं।

सहारनपुर में नैशनल पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल उमा शर्मा इस उदाहरण में एकदम सटीक बैठती हैं। पिछले 7 वर्षों से उमा के गले से लेकर निचला भाग पूरी तरह से पैरालाइज्ड है और वह बिस्तर पर ही लेटी रहती हैं। वो अपना बिस्तर छोड़कर कहीं नहीं जा पाती हैं. लेकिन आपको ये जानकार हैरानी होगी कि वो अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी के साथ निभा रही हैं।

यह भी पढ़ें: जानिए ऐसे शख्स के बारे में जो बना लाखों दृष्टिहीनों के लिए मसीहा

1991 में उमा के पति का निधन हो गया था। इसके बाद उनकी जिंदगी तब और मुश्किल हो गई जब उनके अकेले बेटे राजीव (21) की 2001 में मौत हो गई। साल 2010 में उमा ने अपनी बेटी ऋचा को भी खो दिया। मुश्किल वक्त उनके लिए खत्म नहीं हुआ। वह साल 2007 में आंशिक पैरालिसिस का शिकार हो गईं। उनकी हालत लगातार खराब होती चली गई और 2010 में वह पूरी तरह से पैरालाइज्ड हो गईं, वह सिर्फ अपने सिर और हाथों को हो हिला सकती हैं।

 

इतनी मुश्किलें आने के बाद उमा के लिए उस स्कूल को संचालित कर पाना मुश्किल था, जिसकी स्थापना उन्होंने 1992 में की थी। लेकिन उन्होंने तय किया कि मैं हार नहीं मानूंगी और जो कार्य मैं सबसे ज्यादा पसंद करती हूं वह करती रहूंगी यानी कि अपने स्कूल को मैं संचालित करूंगी।

उमा ने बताया कि सबसे पहले हमने स्कूल और मेरे घर पर डिश कनेक्शन लगवाया, जिससे मैं स्कूल की हर गतिविधि का विडियो आवाज के साथ सुन सकती हूं।’ सात साल गुजर गए और डिजिटल आविष्कार उमा के लिए वरदान साबित हुए।

स्कूल के प्रबंधक सुरेंद्र चौहान ने बताया, ‘सीसीटीवी कैमरे क्लासरूम, स्टाफ रूम, प्ले ग्राउंड समेत पूरे स्कूल परिसर में लगे हुए हैं। उमा अपने टैबलेट के जरिए स्कूल की प्रत्येक गतिविधि को देख सकती हैं।’

यह भी पढ़ें: एक सफल कप्तान ही नहीं कई लोगो के लिए प्रेरणा हैं महेंद्र सिंह धोनी!

उमा शर्मा अक्सर शिक्षकों और बच्चों से टैबलेट के जरिए सीधे तौर पर बात करती हैं और शिक्षकों से स्कूल के बारे में बातचीत करने के लिए उन्हें घर बुला लेती हैं। उमा कहती हैं, ‘कई मौकों पर मैं शिक्षकों और अन्य सदस्यों के साथ स्कूल से जुड़े विभिन्न विषयों पर बातचीत करती हूं। यही नहीं होनहार बच्चों और कमजोर बच्चों से भी मैं बात करती हूं।’

स्कूल में कार्यरत सभी सदस्य अपनी प्रिंसिपल के प्रयासों की सराहना करते हैं। स्टाफ के सदस्य कहते हैं, वह उनके लिए प्रेरणा है और उन्होंने जीवन के मूल्यों को बढ़ा दिया है। अगर उमा जैसी हिम्मत हर किसी में आ जाए, तो दुनिया की हर बड़ी मुश्किल छोटी नजर आएगी.

(भाषा से इनपुट के साथ)

Leave a Comment

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

बदलते मौसम में अक्सर हो जाती है गले में खराश, गर्मियों में ये उपाय करें! क्या आप भी अपने बच्चे की स्किन पर white patches देख कर हैं परेशान,जानिए इसकी वजह! चीनी को कर दें ना, वर्ना हो सकता है बहुत बड़ा नुक्सान ! पूरी बनाने के बाद, अक्सर तेल बच जाता है,ऐसे में महंगा तेल फैंक भी नही सकते और इसका reuse कैसे करें! रक्तदान है ‘महादान’ क्या आपने करवाया, स्वस्थ रहना है तो जरुर करें, इसके अनेकों हैं फायदे! गर्मियों में मिलने वाले drumstick गुणों की खान है, इसकी पत्तियों में भी भरपूर है पोषण! क्या storage full होने के बाद मोबाइल हो रहा है हैंग, तो अपनाएं ये तरीके!