क्या आप भी अपनी जरूरत के लिए बैंक या NBFC से किसी भी तरह का Loan लेने की तैयारी कर रहे हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखकर आने वाली किसी भी परेशानी में नहीं फसेंगे ।
लोन डाक्युमेंट्स की जांच अच्छी तरह करें:
लोन लेने से पहले उसके टर्म और कंडिशन को ध्यान से पढ़ें। नही तो आपको अधिक चार्ज और ब्याज का भुगतान करना पड़ सकता है। कुछ समझ में न आए तो बैंक से इसके विषय में जानकारी मांगे। समझ आने पर ही लोन लें।
कम time पीरियड के लिए लोन लेने की कोशिश करें:
कोशिश करें loan का time पीरियड कम समय के लिए हो। इसके दो फायदे हैं, पहला आपको कम ब्याज चुकाना होगा और दूसरा आप लोन से जल्द मुक्त हो जाएंगे।
होम लोन के लिए प्रॉपर्टी के पेपर्स रखने पड़ते हैं गिरवी:
अगर व्यक्ति ने होम लोन लिया है तो उसे लोन के बदले में अपने घर के कागज या उस लोन की कीमत के बराबर किसी प्रॉपर्टी के पेपर्स गिरवी रखने पड़ते हैं।
ऐसे में अगर लोन लेने वाले की मृत्यु हो जाए तो बकाया चुकाने की जिम्मेदारी को-एप्लीकेंट या व्यक्ति के उत्तराधिकारी की होती है। अगर वो लोन चुकाने में असमर्थ है तो ऐसे में बैंक उस गिरवी संपत्ति को नीलाम करके पैसा वसूल सकती है।
होम लोन इंश्योरेंस क्या है?
होम लोन बीमा बहुत जरुरी है, होम लोन प्रोटेक्शन प्लान (HLPP), यह योजना लगभग हर लोन संस्थान द्वारा ऑफर की जाती है। बीमा की अवधि आमतौर पर लोन अवधि के समान होती है।
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होम लोन बीमा का लाभ उठाने से उधारकर्ता के निधन के बाद भी, उसके परिवार को होम लोन चुकाने या लोन राशि का भुगतान न कर पाने के कारण घर खाली करने के लिए नहीं कहा जाएगा।
न रहने पर कार लोन की भरपाई bank कैसे करती है:
कार लोन या किसी अन्य वाहन के लोन की स्थिति में लोन लेने वाले की अगर मौत हो जाए तो लोन का बकाया चुकाने के लिए व्यक्ति के उत्तराधिकारी या परिवार के अन्य सदस्यों को कहा जाता है।
अगर परिवार इसमें असमर्थ है, तो बैंक कार या जो भी वाहन है, उसे जब्त कर लेता है। इसके बाद वाहन को बेचकर लोन का बकाया निकाला जाता है।
बड़े लोन का इंश्योरेंस जरूर कराएं:
अगर, आप होम या कार लोन ले रहे हैं तो इंश्योरेंस जरूर कराएं। रकम के बराबर एक टर्म प्लान जरूर लें। ऐसा इसलिए करें कि किसी अनहोनी होने पर आपके परिवार के ऊपर कर्ज का बोझ नहीं हो और टर्म इंश्योरेंस से मिले पैसे से लोन का भुगतान आसानी से हो जाए।
अगर आपने पहली बार लोन लिया है, तो आपको कुछ बातों की जानकारी होना बहुत जरूरी है, वरना लोन भरने के बावजूद तमाम मुश्किलें पैदा हो सकती है।
अब बात करते हैं loan खत्म होने पर क्या करना चाहिए।
लोन खत्म होने पर Lien हटवाना न भूलें:
जब आप अपने लोन को बंद कर देते हैं, तो बैंक से नो ड्यूज सर्टिफिकेट ग्राहक को दिया जाता है। ये सर्टिफिकेट लेना बहुत जरूरी होता है. ये सर्टिफिकेट इस बात का प्रमाण होता है कि बैंक पर अब आपका कुछ भी बकाया नहीं है।
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आपने जो भी लोन की राशि ली थी, वो आप वापस कर चुके हैं। इसके अलावा Lien हटवाना न भूलें. दरअसल बैंक या लोन देने वाली कोई भी संस्था Lien के जरिए आपकी प्रॉपर्टी पर अधिकार जोड़ देते हैं। Lien हटवाने के बाद प्रॉपर्टी पर आपके अलावा किसी और का अधिकार नहीं होता है।
ऑरिजिनल डॉक्यूमेंट्स कलेक्ट करना न भूलें:
होम loan लेने के लिए आपको अपने मकान के ऑरिजिनल डॉक्यूमेंट्स बैंक में जमा करवाने होते हैं और फोटो स्टेट कॉपी आपको दी जाती है। ऐसा इसलिए कि जब तक आपका लोन पूरा न हो, तब तक उस प्रॉपर्टी पर बैंक का अधिकार माना जाता है।
loan ख़त्म होने के बाद याद से उन डॉक्यूमेंट्स को बैंक से वापस ले लें। तभी आपकी प्रॉपर्टी पूरी तरह से आपकी हो पाएगी। इस मामले में कोई भी भूल न करें क्योंकि इसके साथ अलॉटमेंट लेटर, पजेशन लेटर, लीगल डाक्यूमेंट सेल डीड, बिल्डर-बायर एग्रीमेंट, सेल एग्रीमेंट और अन्य दूसरे कागजात शामिल हो सकते हैं।
नॉन-एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट:
एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट एक कानूनी दस्तावेज है, जो इस बात का सबूत होता है कि क्या कोई प्रॉपर्टी कानूनी पचड़ों और वित्तीय बोझ से मुक्त है या नहीं। एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट आपको यह भी बताएगा कि क्या प्रॉपर्टी बैंक के पास गिरवी रखी है या नहीं।
यह सर्टिफिकेट दिखाएगा कि फिलहाल प्रॉपर्टी का मालिक कौन है और जबसे प्रॉपर्टी बनी है, यह कितने लोगों के पास रह चुकी है। जब आप अपनी प्रॉपर्टी को कहीं बेचने जाते हैं, तब आपसे खरीददार एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट की मांग करता है। हिंदी में एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट को भार मुक्त प्रमाण कहा जाता है।