शरारती आंखों, चुलबुली अदाओं वाले किशोर कुमार. नाम याद करते ही एक से एक बढ़िया गानों की लिस्ट सामने आ जाती है और उनकी शानदार आवाज कानों में गूंजने लगती है. आज इसी कलाकार का जन्मदिन है.
1929 में किशोर कुमार का जन्म मध्यप्रदेश के खंडवा शहर में आज ही के दिन एक बंगाली परिवार (गांगुली) में हुआ. उनका नाम तो आभास कुमार रखा गया था लेकिन फिल्मी दुनिया में कदम रखते समय उन्होंने खुद का नाम किशोर कुमार रख लिया. बड़े भाई अशोक कुमार और अनूप कुमार के साथ वे भी फिल्मी दुनिया में आए. बनना तो वो गायक ही चाहते थे लेकिन उन्होंने कई फिल्मों में काम भी किया.
वे प्रशिक्षित गायक नहीं थे लेकिन अपने हुनर से उन्होंने निर्देशकों का दिल तो जीता ही, अपनी यूडलिंग से लोगों के दिलों में भी बस गए. 1958 में बनी ‘चलती का नाम गाड़ी’ फिल्म उनका होम प्रोडक्शन थी इसमे तीनों गांगुली भाइयों और मधुबाला ने काम किया था. ‘पांच रुपैया बारह आना’, या फिर ‘एक लड़की भीगी भागी सी’ गानों को कौन भूल सकता है. 1946 से 1987 तक किशोर कुमार ने करीब 1,500 गीत हिन्दी फिल्मों के लिए गाए.
उन्हें मेल प्लेबैक सिंगिंग के लिए आठ बार फिल्म फेयर अवॉर्ड मिले हैं और ये अब तक के सबसे ज्यादा हैं. उन्हें सबसे ज्यादा 27 बार इस कैटेगरी में नामांकित भी किया गया.
आ चल के तुझे मैं ले के चलूं हो या फिर जरूरत है जरूरत है जरूरत है एक श्रीमती की… या जिंदगी का सफर… एक से एक गीत किशोर कुमार के. आपको कौन सा गीत सबसे अच्छा लगता है…