गुजरात के लोगों के लिए नवरात्र पर्व मां अंबे दुर्गा के प्रति श्रद्धा प्रकट करने तथा युवा दिलों में मौज-मस्ती के साथ गराबा-डांडिया खेलने और अपनी संस्कृती से जुड़ने का सुनहरा अवसर भी है।
नवरात्र में माता का पंडाल सजाकर युवक-युवतियां पारंपरिक वस्त्र जैसे कि कुर्ता-धोती, कोटी, घाघरा (चणिया)-चोली, कांच और कौड़ियां जड़ी पोशाक पहन कर पारंपरिक नृत्य डांडिया और ”सनेडो सवेडो लाल लाल सनेडो”, ”अंबा आवो तो रमीये” गाते हुए गरबा खेलेंगे।
मोटापा कम करने का भी मौका:
डॉक्टरों के अनुसार जिनके पास कसरत का समय नहीं है उनके लिए माताजी की भक्ति के साथ-साथ गरबा खेल कर शरीर की केलेरी व्यय कर वजन घटाने का भी उचित अवसर है।
प्रदेश के कच्छ, भुज, गांधीधाम, सौराष्ट्र, राजकोट, जूनागढ, जामनगर, अंबाजी, पालनपुर, महेसाणा, अहमदाबाद, खेड़ा, नडियाद, आणंद, वडोदरा, भरूच, सूरत, नवसारी, वलसाड समेत सभी शहरों के गांव की गलियों, फ्लैटों, क्लबों और पार्टी प्लॉटों में गरबा उत्सव की धूम मची हुई है।
Source – Dainikbhaskar.com
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