हिंदू धर्म का हर त्यौहार प्राचीन मान्यताओं से जुड़ा है। कई प्रमुख त्योहारों को मनाने की परंपरा है। उन्हीं में से है मकर संक्रांति।सूर्य जब मकर राशि में जाता है तो उत्तरायण गति करने लगता है। उत्तरायण अर्थात उस समय धरती का उत्तरी गोलार्ध सूर्य की ओर मुड़ जाता है। इसे सोम्यायन भी कहते हैं।
शीत ऋतु के पौस मास में जब भगवान भास्कर उत्तरायण होकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो सूर्य की इस संक्रांति को मकर संक्राति के रूप में देश भर में मनाया जाता है।
मनोकामना पूरी करने के लिए:
इस दिन से शुभ और मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। इस दिन सुबह जल्द स्नान कर दान करना चाहिए और सूर्य देवता को अर्घ्य देने से हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
मकर संक्रांति के दिन नहाने वाले पानी में तिल डाल लें। इसके अलावा तिल से बना उबटन लगाने से शुभ फलों की प्राप्त होती है और नजर दोष से निजात मिलती है।
मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य को तांबे के लोटे में थोड़ा सा काला तिल, लाल रंग का फूल, सिंदूर और अक्षत डालकर अर्घ्य करें। इसके साथ ही ‘ऊँ सूर्याय नम:’ का जाप करें।
भोजन करते समय जल का गिलास दाएं हाथ की तरफ रखें। मान्यता है कि ऐसा करने से भाग्योदय होता है।
यह भी पढ़ें: जयपुर वाले क्यों हैं मकर संक्रांति के दीवाने
मकर संक्रांति के दिन प्रातः काल शिवलिंग पर जल अर्पित करें। कहा जाता है कि ऐसा करने से जीवन की हर समस्याएं दूर हो जाती हैं।
धार्मिक मान्यता है कि पीपल के वृक्ष को सुबह स्नान करने के जल चढ़ाने से जीवन की हर परेशानियां दूर होती है और सुख-समुद्धि प्राप्त होती है।
मकर संक्रांति के दिन घर में तुलसी को जल अर्पित करें। इससे व्यक्ति के घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी।
Pingback: कारोबार में नही मिल पा रही है सफलता, तो अपनाएं ये ट्रिक्स! - Zindagi Plus
Pingback: आखिर क्यों मकर संक्रांति पर है, दही-चूरा खाने का विशेष महत्त्व! - Zindagi Plus