स्टूडेंट ने किया कमाल,इग्नाइट अवार्ड से किया सम्मानित:
देखा जाए तो इस जहां में कुछ ही लोग ऐसा काम कर जाते हैं जिसकी वजह से वो हमेशा के लिए सबके दिलों में बस जाते हैं, अमर हो जाते हैं वैसे तो हमारे देश में प्रतिभा की कमी नहीं हैं, तभी तो आये दिन छोटे-छोटे बच्चे ऐसे-ऐसे कमाल कर देते हैं और पूरी दुनिया में देश का नाम रौशन करते है।
अरुणाचल प्रदेश के एक स्टूडेंट ने कमाल कर दिखाया उसने ऐसा चश्मा बनाया है, जिसकी मदद से अब दृष्टिहीन स्टिक का सहारा लिए बगैर चल सकेंगे। इस चश्मे का आविष्कार करने वाले हैं अनंग तदार, जो कि 11वीं कक्षा के छात्र हैं।इस अविष्कार के लिए अनंग को साल 2017 का प्रसिद्ध इग्नाइट अवार्ड, दीनानाथ स्मार्ट आइडिया इनोवेशन अवॉर्ड सहित कई अन्य पुरस्कार भी मिल चुके हैं।
चश्मे में पार्किंग सेंसर तकनीक का इस्तेमाल:
उन्होंने पार्किंग सेंसर तकनीक का इस्तेमाल कर ऐसा चश्मा बनाया है जो नेत्रहीनों के लिए काफी फायदा मिलेगा। उन्होंने इस चश्मे को G4B (गॉगल फॉर ब्लाइंड) नाम दिया है।अब वो इस का निर्माण बड़े पैमाने पर करना चाहते हैं।
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यह तकनीक ईको लोकशन के आधार पर काम करती है। इसके अलावा इसमें नेविगेशन सिस्टम का भी उपयोग किया गया है। अनंग तदार ने हाल ही गुवाहटी में आयोजित साइंस फेस्टिवल में अपने इस गॉगल का प्रदर्शन करके दिखाया । यह तकनीक ईको लोकेशन के आधार पर काम करती है।
गुवाहटी में आयोजित साइंस फेस्टिवल में अपने इस गॉगल का प्रदर्शन किया :
इसके अलावा इसमें नेविगेशन सिस्टम का भी उपयोग किया गया है।अनंग तदार ने हाल ही गुवाहटी में आयोजित साइंस फेस्टिवल में अपने इस गॉगल का प्रदर्शन करके दिखाया।
इसके साथ ही अनंग तदार ने बताया कि जिस तरह कारो में पार्किंग सेंसर तकनीक का उपयोग किया जाता है, उसी आधार पर इस चश्मे को भी तैयार किया गया है। जैसे ही कोई बड़ी चीज या ऑब्जेक्ट इस चश्मे के पास आएगा, इसकी बीप ऑन हो जायेगी और व्यक्ति अलर्ट हो जाएगा।