वैसे तो मदरसों में इस्लाम की शिक्षा दी जाती है। इस्लाम की शिक्षा के साथ ही उन्हें विशेष तौर पर उर्दू और फारसी पढाई जाती है जो मुस्लिमों में प्राथमिक विषय मानी जाती है। यह भी सभी जानते हैं कि मदरसों में मुस्लिम बच्चे ही शिक्षा ग्रहण करने जाते हैं। लेकिन यूपी में एक ऎसा मदरसा है जिसके बारे में आप सुनकर दंग रह जाएंगे।
यह मदरसा हिन्दू-मुस्लिम की एक मिशाल है क्योंकि इस मदरसे में इस्लाम की शिक्षा के साथ साथ हिन्दू धर्म ग्रंथों के साथ संस्कृत भी पढाई जाती है। आपने सुना होगा कि मदरसों में गायत्री मंत्र नहीं बोला जाता और पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी ने जब सभी स्कूलों में गायत्री मंत्र के गायन के बारे में बयान दिया तो कई मुस्लिम संगठनों ने इस पर आपत्ति भी जताई लेकिन आपको बता दें कि यूपी के इस मदरसे में हिन्दू और मुस्लिम बच्चे साथ साथ पढते हैं और गायत्री मंत्र भी बोलते हैं।
इस मदरसे में ऊं भूर्भुव स्व तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न प्रचोदयात गायत्री मंत्र की इन पंक्तियों को आप हर रोज सुन सकते हैं। आगरा के दौरेठा नंबर एक में स्थित मदरसा मोईनुल इस्लाम में कुरान की आयतों के साथ संस्कृत के कठिन श्लोकों का पाठ पढाया जा रहा है। खास बात यह है कि इस मदरसे में मुस्लिम बच्चे संस्कृत का पाठ पढ रहे हैं। सौ के करीब हिन्दू बच्चे गीता सार के साथ उर्दू, अरबी भी सीख रहे हैं।
आपको बता दें कि मोहम्मद इकबाल की एक पंक्ति है कि “मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना” यह पंक्ति इस मदरसे पर सटीक बैठती है। दो अलग-अलग मजहब के लोग धर्म के भेद को भुलाकर एक साथ घंटों मदरसे में पढते हैं।
शहर से करीब दस किमी दूर स्थित इस मदरसे में कुल 375 छात्र है। इनमें मुस्लिम छात्र 275 हैं, जबकि हिन्दू छात्रों की संख्या 100 है। मदरसे के प्रधान मौलाना उजैर आलम के मुताबिक सभी मुस्लिम व हिन्दू छात्रों को एक साथ कुरान, इस्लामी दीनियात, अरबी के साथ उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के समस्त विषय पढाए जाते हैं।
Source-khaskhabar.com