अकसर आपने सुना होगा कि मेहनत करने वाले की कभी हार नहीं होती. इसे सच कर दिखाया है बैंगलोर के रहने वाले रमेश बाबू ने जिनके पास लक्ज़री कारों का एक अच्छा खासा जमावड़ा है, जिसमें रॉयल्स और मर्सीडीज़ से लेकर कई BMW गाड़ियां शामिल है.
सेंट मार्क्स रोड पर नाई की दुकान चलाने वाले रमेश न सिर्फ़ अपने खानदानी बिज़नेस को ज़िन्दा रखा है बल्कि आज भी रमेश बाबू बाल काटने से नहीं शर्माते. वो एक कटिंग का 75 रुपया लेते हैं और दिन भर में बस 8 ही ग्राहकों को देखते हैं.
7 साल की उम्र में अपने पिता को खोने वाले रमेश के लिए यहां तक पहुंचने की राह इतनी आसान नहीं थी जितना की उनकी लाइफ़स्टाइल को देख कर आज लगता है. 13 साल की उम्र में न्यूज़पेपर डिलेवरी का काम शुरू करने वाले बाबू का जीवन काफ़ी कठिनाइयों भरा रहा है. एक वक्त की रोटी के लिए उनकी मां को कई घरों में जा कर बर्तन धोने पड़ते थे.
1990 में अपने पुश्तैनी धंधे को फ़िर से शुरू करने वाले बाबू ने इलेक्ट्रॉनिक्स में डिप्लोमा करने के बाद दो साल एक प्राइवेट कंपनी में मार्केटर की भूमिका में अपनी सेवाएं दी. उसके बाद एक दोस्त के कहने पर एक गाड़ी के साथ अपनी ट्रैवल कंपनी की शुरुआत की और उनका पहला क्लाइंट बना इंटेल. जैसे–जैसे इंटेल कंपनी की ग्रोथ होती गई, वैसे–वैसे उनकी ट्रैवल कंपनी ने भी अपना व्यापार फैलाया.
आज यह कंपनी बैंगलोर की सबसे बड़ी लक्ज़री कार ट्रैवल कंपनी है, जिसके पास 60 से ज़्यादा लक्ज़री कारें हैं. इतना सब होने के बाद भी रमेश अपने पुश्तैनी धंधे को नहीं भूले हैं. वो कहते हैं कि, “मैं उसे कैसे भूल सकता हूं जिसकी वजह से मैं यहां हूं”
Source – Gazab Post