जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे हम छोटी बुद्धि वाले होते जाते हैं। हम गंभीर प्रवृत्ति वाले हो जाते हैं और बातों को हल्के में नहीं लेते हैं। ऐसे में जिन्दगी का असली मजा कहीं गुम सा हो जाता है।
कई बार ऐसा लगने लगता है कि हम फिर से बच्चे हो जाएं और उतनी ही मस्ती करें। अरे जनाब, मस्ती करने के लिए बच्चे जितनी उम्र नहीं बस वैसा दिल रखना जरूरी है।
बच्चों जैसी कुछ खास आदतों को अपना लीजिए और जिन्दगी का भरपूर मज़ा उठा लीजिए। आइए जानते हैं कि बच्चों से कौन सी बातें सीखनी चाहिए:
1. किसी के बीच में अंतर ना करना:
बच्चे हर चीज को कई रंगों और ढंग से देखते हैं। उनके लिए कोई भी बात के सिर्फ दो मतलब नहीं होते हैं जैसा कि हम मान लेते हैं। उन्हे रंग, जाति, भेद, समुदाय, गोरे-काले से कोई मतलब नहीं होता है। बस यही बात बच्चे को प्यारा बना देती है और उसे हर किसी के करीब ले आती है। बस आप भी बच्चे की इस आदत को अपना लें।
2. जो हैं वही बने रहें:
बच्चों को देखिए, वे बिल्कुल निराले होते है। उन्हें किसी की परवाह नहीं होती है। वे अपने आप में व्यस्त रहते हैं और उन्हे सिर्फ अपनी ही चिंता होती है। ऐसा ही आप करें। वह बाहर का दिखावा नहीं करते।
3. मुस्कराएं:
बच्चों की आंखों में आंसू होते हैं लेकिन उनका दिल खुश हो जाता है तो वे मुस्करा उठते हैं। ऐसा ही आप करें, हमेशा मुस्कराएं। सकारात्मक सोच रखें, सर्वोत्तम करने का प्रयास करें।
4. बड़े सपने देखें:
बच्चे कहते रहते हैं मैं बड़ा होकर हवाई जहाज लूंगा और उन्हे ऐसा बोलकर खुशी मिलती है। आप भी उनकी तरह ऊंची सोच रखें। 10 का सोचेंगे तो कम से कम 5 तक तो पहुंच ही जाएंगे। सपने देखने के बाद ही उन्हे साकार करने की हिम्मत आती है।
5. तनाव में न रहना:
बच्चों को कोई तनाव न नहीं रहता, क्योंकि वो लेना ही नहीं चाहते है। ऐसा ही आप करें, बेवजह तनाव न लें। छोटी-छोटी बातों की फिक्र न करें और नकारात्मक बातों से दूरी बनाएं रखें। अच्छी बातों को सुनें और अच्छी बातें ही करें ।
6. किसी का डर नहीं :
बच्चों में बिल्कुल भय नहीं होता, वो डररहित होते हैं। आप भी वैसे ही बन जाएं। जो काम करें, बिल्कुल निडर होकर जी-जान लगाकर करें। इससे आपमें अदम्य क्षमताओं को विकास होगा।
7. दोस्त बनाएं:
बच्चे हर किसी के दोस्त बनना पसंद करते हैं। उनके लिए स्टेटस मायने नहीं रखता, बस वो इंसान उन्हे पसंद आना चाहिए। आप भी ऐसा करें। उससे दोस्ती करें, जो दोस्ती के लायक हों, न कि आपके स्टेट्स के बराबर का।
8. आसानी से माफ कर दें:
जब हम बड़े हो जाते हैं तो जल्दी से बातों को भूल नहीं पाते हैं और उन्हे याद करके कुढ़ते रहते हैं। जबकि बच्चे ऐसा नहीं करते हैं। वो बातों को भूल जाते हैं और दूसरे को आसानी से माफ करके आगे बढ़ जाते हैं इससे उनकी लाइफ में पॉज नहीं आता है।
9. भावनाओं को व्यक्त करें:
बच्चे हर भावना को व्यक्त करते हैं, जब उन्हे रोना होता है तो वे रोते हैं, जब हंसना होता है तो जी खोलकर हंस लेते हैं। उन्हे दुनियादारी की फिक्र नहीं होती है, इस कारण उन्हे अंदर ही अंदर घुटन नहीं होती है। ऐसा ही आप करें। अपनी भावनाओं को समयानुसार व्यक्त करें।
10. नकल सीखें:
बच्चे दूसरों की नकल बहुत जल्दी उतारना सीख जाते हैं, क्योंकि इसके लिए वह उन चीजों पर ज्यादा ध्यान देते हैं। इससे उनका दिमाग तेज होता है। आप भी ऐसा ही करें, कुछ भी सीखें तो ऐसे ही आपको वही करना है, ऐसा करने से आप कुशाग्र बुद्धि के हो जाएंगे।
11. रिलैक्स रहें….. नींद लें:
बच्चों वाली आदत अपना लें, जब भी थक जाएं तो झपकी ले लें। इससे आपकी ऊर्जा फिर से स्टोर हो जाएगी और आपके सोचने-समझने की शक्ति बढ़ जाएगी।
12. प्रश्न पूछना:
कभी छोटे बच्चों के साथ समय बिताकर देंखे। वो इतने सवाल करते हैं कि आपका दिमाग घूम जाएं। बच्चों की एक बात सबसे अच्छी यह होती है कि जब तक उन्हे कुछ समझ नहीं आता है, तब तक वो हां नहीं करते हैं और पूछते ही रहते हैं। इससे उनका लर्निंग प्रॉसेस स्ट्रांग रहता है। आप भी ऐसा ही करें।
13. सीधा बोल दें:
इधर-उधर घुमाकर बोलने की आदत बड़े होने के बाद ही आती है, बच्चे हमेशा सीधे ही बोल देते हैं। इससे लोगों को आपसे हमेशा फेयर बोलने की उम्मीद रहती है, वो आपको आपकी इसी यूएसपी के कारण पसंद करने लगेंगे।
14. एक्सप्लोर करें :
नई चीजों को जानने, समझने के लिए बाहर निकलना, उन्हे देखना बहुत जरूरी होता है। बंद कमरे में गूगल पर सर्च करके कब तक काम चलाएंगे। व्यवहारिक ज्ञान भी आवश्यक होता है। बच्चों का शारीरिक, मानसिक और पर्याव्रणीय विकास इसीलिए जल्दी होता है।
15. छोटी-छोटी बातों में खुशी:
बच्चों को बहुत बड़ी चीजों में खुशी नहीं मिलती है। उन्हे छोटी-छोटी बातों में ही खुशी मिल जाती है। बिल्ली के साथ घर भर में दौड़ने से ही उन्हे मजा आ जाता है। कोई पुराना सामान मिलने पर भी वो चहक उठते हैं। आप भी छोटी-छोटी बातों में ही खुशियां।