अपने शुरुआती जीवन में दुर्लभ बीमारी को मात देनेवाले महान भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग का निधन हो गया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब स्टीफन 21 साल के थे तभी, डॉक्टरों ने उन्हें कहा था कि वह सिर्फ दो साल और जीने वाले हैं। स्टीफन हॉकिंग ने ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने में दुनिया की मदद की। उनकी जिंदगी भी उनकी खोजों की तरह ही लोगों को हैरान कर देने वाली है। आइए आपको बताते हैं हॉकिंग से जुड़ी कुछ खास बातें…
हॉकिंग को 21 साल की उम्र में amyotrophic lateral sclerosis (ALS) नामक गंभीर बीमारी हो गई थी। इस बीमारी की वजह से ही उनके शरीर ने धीरे-धीरे काम करना बंद कर दिया था। हॉकिंग जब ऑक्सफर्ड में फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहे थे तभी उन्हें सीढ़ियां चढ़ने में कठिनाइयों का समाना करना पड़ा। धीरे-धीरे यह समस्याएं इतनी बढ़ गईं कि उनकी बोली लड़खड़ाने लगी। डॉक्टर्स ने उस समय हॉकिंग को बताया था कि वह 2 साल से ज्यादा नहीं जी पाएंगे लेकिन यह दावा गलत साबित कर हॉकिंग ने अपनी रिसर्च जारी रखी।
1974 में स्टीफन हॉकिंग ने दुनिया को अपनी सबसे महत्वपूर्ण खोज ब्लैक होल थिअरी के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि ब्लैक होल क्वॉन्टम प्रभावों की वजह गर्मी फैलाते हैं। पांच साल बाद ही वह कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में गणित के प्रफेसर बन गए। यह वही पद था जिस पर कभी महान वैज्ञानिक ऐलबर्ट आइनस्टाइन नियुक्त थे।
स्टीफन हॉकिंग ने स्वर्ग की परिकल्पना को सिरे से खारिज करते हुए इसे अंधेरे से डरने वाली कहानी बताया था। हॉकिंग ने कहा था कि हमारा दिमाग एक कम्प्यूटर की तरह है जब इसके पुर्जे खराब हो जाएंगे तो यह काम करना बंद कर देगा। खराब हो चुके कम्प्यूटरों के लिए स्वर्ग और उसके बाद का जीवन नहीं है। स्वर्ग केवल अंधेरे से डरने वालों के लिए बनाई गई कहानी है।
हॉकिंग चल फिर नहीं सकते थे और हमेशा वील चेयर पर रहते थे। वह कम्प्यूटर और तमाम डिवाइसों के जरिए अपने शब्दों को व्यक्त करते थे। उन्होंने इसी तरह से भौतिकी के बहुत से सफल प्रयोग भी किए हैं।
Source: NBT