छठ सूर्य की आराधना का पर्व है। सूर्य षष्ठी व्रत होने के कारण इसे छठ कहा जाता है। कभी देश के एक छोटे से हिस्से का पर्व रहा छठ अब पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। आगे की तस्वीरों पर क्लिक करें और जानें छठ पर्व से जुड़ी कहानियां…
1. प्रियंवद और मालिनी की कहानी:
पुराणों के मुताबिक राजा प्रियंवद को कोई संतान नहीं थी। तब महर्षि कश्यप ने पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ कराकर प्रियंवद की पत्नी मालिनी को यज्ञ आहुति के लिए बनाई गई खीर दी। इससे उन्हें पुत्र हुआ, लेकिन वह मृत पैदा हुआ। प्रियंवद पुत्र को लेकर श्मशान गए और पुत्र वियोग में प्राण त्यागने लगे। उसी वक्त भगवान की मानस पुत्री देवसेना प्रकट हुईं और उन्होंने कहा, ‘सृष्टि की मूल प्रवृत्ति के छठे अंश से उत्पन्न होने के कारण मैं षष्ठी कहलाती हूं। राजन तुम मेरी पूजा करो और इसके लिए दूसरों को भी प्रेरित करो।’ राजा ने पुत्र इच्छा से देवी षष्ठी का व्रत किया और उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। यह पूजा कार्तिक शुक्ल षष्ठी को हुई थी।
2. राम-सीता ने की सूर्य की पूजा:
3. कर्ण ने शुरू की सूर्य देव की पूजा:
4. पांडवों को वापस मिला राजपाट:
Source-navbharattimes.indiatimes.com