ऐसा कहा जाता है किसी भी समाज को अगर सभ्य बनाना है तो सबसे पहले समाज में रहने वाले लोगों का शिक्षित होना बहुत जरूरी है । शिक्षा की अहमियत के बारे में हर किसी को पता है और इसीलिए कोई भी देश शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए हमेशा प्रयासरत रहता है । शिक्षा की अहमियत प्राचीन काल से चली आ रही है। जहां पहले राजा-महाराजा के बच्चे शिक्षा ग्रहण करने के लिए गुरूकुल जाया करते थे वही आज के दौर में स्कूल जाना सभी के लिए अनिवार्य माना जाता है।
भारत में शिक्षा भी बुनियादी सुविधाओं में शामिल किया जा चुका है। बावजूद इसके अभी भी शिक्षा को और भी ज्यादा बेहतर स्तर प्रदान करने के लिए कई सरकारी परियोजनाएं चल रहीं हैं। सुधार की गुंजाइश हर जगह होती है और शिक्षा के क्षेत्र में भी सुधार की प्रक्रिया विभिन्न स्तर पर जारी है । देश के विभिन्न स्कूलों व कॉलेजों में वर्तमान में शिक्षा के स्तर को सुधारने की जरूरत है और इस जरूरत को समझा बिट्स पिलानी, हैदराबाद के कुछ अंडर ग्रेजुएट छात्रों ने । जी हां आपने सही पढ़ा। अंडर ग्रेजुएट छात्रों ने। इन छात्रों ने न सिर्फ शिक्षा पद्धति में बदलाव लाने का प्रयास किया बल्कि शिक्षा लोगों तक सुलभ और सस्ते तरीके से पहुंचे, इसका भी ख़्याल रखा ।
स्वप्निल ग्रेजुएशन की पढ़ाई बिट्स पिलानी, हैदराबाद से कर रहे हैं, उनका ये दूसरा साल है। शुरू से ही स्वप्निल और उनके दोस्तों को ये लगता था कि जिस शिक्षा प्रणाली से वो गुज़र रहे हैं दरअसल उसमें काफी परिवर्तन की आवश्यकता है । इसके लिए किसी और की तरफ देखा जाए स्वप्निल ने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर खुद ही कदम उठाने का निर्णय किया और जन्म दिया Valonia के कांसेप्ट को।
Valonia के जरिए स्वप्निल व उनके साथी छात्र कोर्स से संबंधित सहयोगी पुस्तकें और अतिरिक्त पठनीय सामग्री छात्रों को उपलब्ध करवाते हैं । इसकी शुरुआत एक प्रयोग के स्तर पर हुई ही थी लेकिन इस नए और अनोखे कांसेप्ट को अपना अस्तित्व तलाशने में ज्यादा समय नहीं लगा ।
Valonia के संस्थापक स्वप्निल वत्स कहते हैं , “Valonia की शुरूआत काफी अच्छी रही, इसका श्रेय पूरी टीम को जाता है जिन्होंने एक सकारात्मक पहल को अंजाम देने की शुरूआत की है।”
Valonia , आसान नहीं थी शुरूआत
बिट्स पिलानी, हैदराबाद में ग्रेजुएशन कर रहे ये सभी या तो फर्स्ट इयर या सेकंड इयर के छात्र थे । लेकिन पढ़ाई के साथ ही Valonia की शुरूआत करने के साथ इन छात्रों का एक सफल उद्यमी बनने की भी यात्रा शुरू हो चुकी थी। Valonia के शुरू होने के बाद इनके कॉलेज ने इस नए प्रयोग को गंभीरता से नहीं लिया और न ही इनके अपने सहपाठियों ने भी इसके प्रति विशेष रुचि दिखाई । लेकिन चीजें तब बदलनी शुरू हुई जब Valonia ने अपना पहला वर्कशॉप पास के ही एक स्कूल में लगाया और वहां पर बिजनेस प्लान का पहला अवॉर्ड अपने नाम किया। ये इन छात्रों की सफलता की पहली सीढ़ी थी । इस दौरान उन्हें कई वरिष्ठ छात्रों का भी सहयोग प्राप्त हुआ । सफलता दर सफलता के साथ Valonia ने अपनी विश्वसनीयता स्थापित की और आज वर्तमान में Valonia को एक विश्वसनीय कंपनी माना जाता है जो उच्च स्तरीय स्टडी मैटेरियल के साथ ज्ञानवर्धक वर्कशॉप्स देती है।स्वप्निल और उनकी पूरी टीम Valonia की सफलता से उत्साहित है ।
वो बताते हैं की हैदराबाद के एक कॉलेज में उन्होंने वर्कशॉप के लिए एक प्रपोजल दिया था । इस कॉलेज में दो अन्य बड़ी कंपनियों ने भी प्रपोजल दिए हुए थे । लेकिन कॉलेज ने उनके प्रपोजल को स्वीकार किया । खास बात यह रही कि न सिर्फ कॉलेज के निदेशक ने उनकी पूरी टीम की सराहना की बल्कि Valonia के कांसेप्ट के लिए उन्हें उत्साहित भी किया। Valonia की सबसे अच्छी बात यह है कि ये छात्रों के लिए बहुत ही किफायती है ।
स्वप्निल वत्स ने इस काम को बहुत ही कम उम्र में शुरू कर दिया था । उनकी खुद की पढ़ाई के बीच ही उन्हें Valonia के भी कामों को मैनेज करना पड़ता था। वो कहते हैं , “मुझे पता है कि ये सुनने में अजीब सा लगेगा लेकिन यह सही है कि इन चीजों की वजह से मैने समय को मैनेज करना सीख लिया था । आप जब एक उद्यमी बनते हैं तो उसके साथ ही नए – नए लोगों से मिलते हैं और आप नेटवर्किंग बढ़ाते हैं । मेरे साथ भी ऐसा ही था। मैं हर दिन नए नए उद्यमियों से और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों से मिल रहा था। ये सभी मुझे काफी कुछ अनुभव भी दे रहा था । मैं खुशनसीब था कि मुझे जैसी भी सहायता की आवश्यकता होती थी वो मुझे अपने आस पास से ही मिल जाती थी । इसने न सिर्फ हमारी टीम को एक रास्ता दिखाया बल्कि हमें हमारे बिजनेस को भी मजबूती प्रदान करने में सहायक रहा । ”
स्वप्निल मानते हैं कि उनकी पढ़ाई जैसे-जैसे आगे बढ़ने लगी उनको अपने इस काम में थोड़ी दिकक्तों का सामना करना पड़ा । लेकिन वो इनसे निकलने में सफल रहे । उनका मानना है कि “आपके जीवन में कई बार आपको समस्याओं का सामना करना पड़ता है लेकिन आपका विश्वास दृढ़ हो तो आपको अपनी समस्याएं सुलझाने में मज़ा आता है।” स्वप्निल बताते हुए गर्व महसूस करते हैं कि जब वह किसी मीटिंग में जाकर अपनी कंपनी के बारे में बताते थे तो लोग उनकी सफलता के साथ ये तथ्य जानकर भी आश्चर्य में पड़ जाते थे कि Valonia की टीम के सभी मेंबर्स स्वयं स्टुडेंट्स हैं ।
कंपनी के फाउंडर स्वप्निल वत्स ने बताया कि शिक्षा का एक तय पैटर्न है जिसे पढ़ाया जा रहा है लेकिन वक्त के बदलने के साथ उस पैटर्न को भी बदलने की जरूरत अब हो रही है । पढ़ने के दौरान ही स्वप्निल को भी इस बात की आवश्यकता महसूस हुई और उन्होंने छात्रों को बेहतर शिक्षा देने का संकल्प ले लिया । छात्र होने के कारण राह मुश्किल तो थी लेकिन वो बताते हैं कि उन्हें इसके कारण कई तरह के फायदे भी हुए । शुरूआती स्तर पर अपने दोस्तों और जूनियर्स से उन्हें बहुत सहायता मिली। उन्होने अपनी कंपनी के लिए वेबसाइट कॉलेज के ही अपने मित्रों से बनवाई जो काफी सस्ते दाम में और अच्छा बना। लेकिन अब स्वप्निल और उनके साथियों की पढ़ाई खत्म हो रही है। इसलिए अब वह अपनी कंपनी को पूरी तरह से प्रोफेशनल तरीके से संभालने की तैयारी कर रहे हैं।
स्वपिनल ने बताया कि उनकी कंपनी Valonia का उद्देश्य सुलभ और किफायती ज्ञान छात्रों को उपलब्ध कराना है । ऐसे में वो अपनी कंपनी से अच्छा प्रॉफिट भी निकाल लेते हैं जिससे कंपनी को चलाने में उनको विशेष दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है। वो बताते हैं कि वर्तमान में कंपनी 10 लाख रुपए का बिजनेस कर रही है ।