किताबों से मुक्ति ढूंढते ब्राजील के कैदी
जेल में अपराधियों की भीड़ से बचने के लिए ब्राजील की सरकार ने एक दिलचस्प तरीका ढूंढा है. अपनी सजा कम करने के लिए कैदियों को एक किताब पढ़नी पड़ेगी. लेकिन क्या अपराध में डूबे यह मुजरिम साहित्य और आध्यात्म में मन लगा सकेंगे.
ब्राजील के चार जेलों में यह अभियान शुरू हो रहा है. इनमें से कई जेलों में देश के सबसे खतरनाक कैदी भी रहते हैं. जेलों में भीड़ को कम करने के लिए अधिकारियों ने अब इन कैदियों को किताब पढ़ने का विकल्प दिया है. हर चार पन्ने पढ़ने पर सजा का एक दिन कम कर दिया जाएगा. कैदी कुल 12 किताब पढ़ सकते हैं और वे साहित्य, आध्यात्म और विज्ञान की किताबों में से चुन सकते हैं.
सरकार की योजना के मुताबिक, कैदियों को एक किताब पढ़कर खत्म करने के लिए चार हफ्तों का वक्त दिया जाएगा. इसके बाद उन्हें एक निबंध लिखना होगा जिसमें व्याकरण और लिखने की शैली को जांचा जाएगा. इसके अलावा कैदियों को अपने लेख को साफ तरीके से पेश करना होगा और उसमें कम से कम गलतियां होनी चाहिए.
सरकारी पैनेल ने कहा कि जेल अधिकारी कैदियों की छंटनी करेंगे और तय करेंगे कि उनमें से कौन “किताबों से मुक्ति” कार्यक्रम में हिस्सा ले सकता है. इस सिलसिले में कैदियों के लिए किताब जमा कर रहे वकील आन्द्रे केदी ने कहा, “जब कैदी रिहा हो जाएगा तो उसके पास दुनिया के बारे में और विस्तृत जानकारी होगी. इसमें कोई शक नहीं कि वह जेल से एक बेहतर इनसान बनकर निकलेंगे.”
2010 की एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्राजील के जेलों में चार लाख चालीस हजार से ज्यादा कैदी हैं जब कि कारागारों में केवल तीन लाख के लिए जगह है. अभी के कानून के मुताबिक हर तीन दिन की मेहनत के लिए कैदी की एक दिन की सजा को कम किया जाता है. इस कार्यक्रम में करीब एक लाख कैदी शामिल हैं लेकिन 10 प्रतिशत से कम मुजरिम शिक्षा संबंधित कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं.
रिपोर्टः मानसी गोपालकृष्णन (रॉयटर्स)
संपादनः आभा मोंढे