भारतीय रेल को आधुनिक तकनीक से लैस करने में गूगल भारत की मदद करने के लिए आगे आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की की अमेरिका यात्रा के दौरान गूगल के सीईओ सुंदर पिचई ने इसकी आधिकारिक घोषणा की है।
पिचई ने कहा कि भारतीय रेल में यूरोप का एक देश हर रोज यात्रा करता है जो अपने आप में आश्यर्यजनक है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल को हम तकनीकी रूप से मदद देने के लिए तैयार हैं।
गूगल के सीईओ ने कहा कि अगले वर्ष के आखिर तक हम भारत के 100 रेलवे स्टेशन को को ब्रॉडबैड वाई-फाई से जोड देंगे। उन्होंने कहा कि मुझे यह घोषणा करते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि ये भारत के रेलवे स्टेशन हैं जो करोड़ों लोगों को ऑनलाइन लाने में मदद करेंगे।
भारत के अपने अनुभव को भी साझा किया पिचई ने
वहीं गूगल सेंटर पर प्रधानमंत्री के साथ बोलते हुए पिचई ने कहा कि जब मैं एक छात्र था, मैं चेन्नई सेंट्रल स्टेशन (तब मद्रास सेंट्रल के रूप में जाना जाता था) से आईआईटी खड़गपुर की दिन की रेल यात्रा पसंद करता था। मुझे विभिन्न स्टेशनों पर उन्मत्त ऊर्जा की याद आज भी ताजा है और मैं भारतीय रेल के अविश्वसनीय स्तर और विस्तार पर अचम्भा करता था।
गूगल मैप पर देखिये 100 वाइ-फाइ स्टेशन
जब सिर्फ पहले 100 स्टेशन ऑनलाइन होंगे, तब भी इस परियोजना के माध्यम से हर दिन 1 करोड़ से अधिक लोगों के लिए वाई-फाई उपलब्ध होगा। गूगल के पेज पर उन रेलवे स्टेशनों को भी दिखाया गया है जिन्हें वाई-फाई किया जाएगा।
इस नक्शे में वो पहले 100 स्टेशन दर्शाये गए हैं जहाँ 2016 के अंत तक उच्च गति वाई-फाई होगा पिछले साल, भारत में 10 करोड़ लोगों ने पहली बार इंटरनेट उपयोग शुरू किया है। इसका मतलब यह है कि भारत में अब चीन को छोड़ कर हर देश से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं। पर चौंकाने वाली बात ये है की भारत में अभी भी 100 करोड़ से ज़्यादा लोग ऑनलाइन नहीं हैं।
गूगल के सीईओ ने कहा कि हम इन 100 करोड़ भारतवासियों को ऑनलाइन लाने में मदद करना चाहते हैं – ताकि उन्हें पूरे वेब तक पहुँच मिल सके, और वहां मौजूद जानकारी और अवसर भी और वो किसी पुराने कनेक्शन से नहीं- तेज ब्रॉडबैंड से ताकि वे वेब का सबसे अच्छा अनुभव कर सकें।
पिचई ने कहा कि हमारी पहुंच और ऊर्जा टीम की, भारतीय रेलवेज, जो कि दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्कों में से एक चला रही है, और रेलटेल, जो व्यापक फाइबर नेटवर्क के माध्यम से रेलवायर जैसी इंटरनेट सेवाएं प्रदान करता है, के साथ काम करते हुए आने वाले महीनों में पहले स्टेशनों को ऑनलाइन लाने की योजना है। यह नेटवर्क 2016 के अंत से पहले भारत में सबसे व्यस्त स्टेशनों में से 100 को कवर करने के लिए तेजी से विस्तार करेगा, और शेष स्टेशन उसके बाद जल्द ही कवर होंगे।
Source – OneIndia
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