भारत की एक संस्था इसरो ने ऐसा काम कर दिखाया है जो विश्व और विकास के इतिहास में अनोखा है !
श्री हरिकोटा से एक ही रॉकेट द्वारा 104 उपग्रहों को प्रक्षेपित कर इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) ने बड़ा इतिहास रच दिया है। भारत के लिए यह एक ऐतिहासिक पल है कि क्योंकि पहली बार किसी देश ने एक रॉकेट से 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेज एक विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है ।
आज से पहले दुनिया में एक साथ सबसे ज्यादा(37) सैटलाइट्स छोड़ने का रेकॉर्ड रूस के नाम था। अमेरिका एक साथ 29 सैटलाइट्स लॉन्च कर चुका है पर ये सब इसरो के आस-पास भी नहीं जो भारत/इसरो ने करके दिखाया। इसरो के सारे वैज्ञानिक बधाई के पात्र है।
आज सुबह 5:28 बजे पीएसएलवी-सी37/कार्टोसेट-2 श्रृंखला के सेटेलाइट मिशन के प्रक्षेपण के लिए उलटी गिनती शुरू हुई थी और 9:28 बजे इसे छोड़ा गया। यह मिशन ९० मिनिट में पूरा हुआ जिसमे २१ देशो के ७९ और ८ छात्रों के सेटेलाइट भी शामिल हैं जिनका कुल वजन १३५० किलोग्राम है!
भारत ने 2008 में चंद्रयान भेजा था और 2013 में वह मंगल पर मानवरहित रॉकेट भेजने वाला पहला एशियाई देश बन गया। इसके बावजूद किसी देशी की स्पेस टेक्नॉलजी का विकास इस बात से मापना चाहिए कि उसमें निवेश कितना किया गया। 2016 में इकनॉमिक फोरम की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार 2013 में अमेरिका का स्पेस बजट सबसे अधिक 39.3 बिलियन डॉलर था, चीन 6.1 अरब डॉलर के साथ दूसरे, रूस, 5.3 बिलियन डॉलर के साथ तीसरे और जापान 3.6 अरब डॉलर के स्पेस बजट के साथ चौथे स्थान पर था। इन सभी देशों के मुकाबले भारत का बजट महज 1.2 अरब डॉलर था।
चीन ने भी इस कामयाबी की प्रशंसा करते हुए कहा है कि यह अन्य देशों को भी इस दिशा में सोचने पर मजबूर करने वाला है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा है कि इसरो ने वर्ल्ड रेकॉर्ड कायम कर स्पेस टेक्नॉलजी में अपनी धमक जमाई है।
चीनी अखबार ने लिखा है कि भारत की जीडीपी चीन के मुकाबले एक-चौथाई के करीब है, लेकिन जीडीपी के अनुपात में स्पेस टेक्नॉलजी में उसका निवेश चीन के बराबर ही है। चीन का कहना है कि इस बात पर कभी ध्यान दिया जाना चाहिए कि भारत अपनी जीडीपी का बड़ा हिस्सा स्पेस टेक्नॉलजी और रक्षा बजट पर खर्च करता है। चीनी अखबार ने लिखा कि भारत का रक्षा बजट चीन के एक तिहाई के करीब है, जो चीन की तुलना में जीडीपी का अधिक हिस्सा है।
देखिये PSLV37 की यात्रा इसरो के अन्दुरुनी कैमरों द्वारा :