अब आधार नंबर देने की नही है जरूरत :
आधार डाटा की सुरक्षा पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। आए दिन इसके डाटा में सेंध लगने की खबरें भी आ रही हैं। हालांकि आधार डाटा की चोरी की खबरों को सरकार ने खुद खारिज किया है। इसके लिए हाल ही में UIDAI की ओर से एक FAQ भी जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि आधार डाटा की चोरी नहीं हुई है।
लेकिन फिर भी इन खबरों से आधार कार्ड होल्डर्स की चिंता और डर बढ़ रहा है। इसी को देखते हुए UIDAI ने आधार कार्ड के लिए दो नए फीचर्स लाने का फैसला किया है। ये फीचर्स हैं- वर्चुअल आईडी और फेशियल रिकॉग्नीशन।
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इन दोनों फीचर्स के आने के बाद आपके अपना आधार नंबर देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। साथ ही कोई भी एजेंसी या सरकारी विभाग, जहां आधार डिटेल्स की जरूरत होती है, आपकी केवल वही डिटेल्स देख या पा सकेंगे, जितनी कि उन्हें जरूरत है। UIDAI का कहना है कि इन दो नए फीचर्स से आधार डाटा को और ज्यादा सुरक्षित बनाया जा सकेगा। आइए आपको बताते हैं कि क्या हैं ये दोनों फीचर्स और कैसे करेंगे काम-
वर्चुअल आईडी :
यह एक 16 नंबर वाली आईडी होगी। वर्चुअल आईडी की सुविधा 1 मार्च से मिलनी शुरू हो जाएगी, हालांकि 1 जून से सभी एजेसियों के लिए अनिवार्य हो जाएगा कि वह वर्चुअल आईडी को स्वीकार करें। वर्चुअल आईडी को आप अनगिनत बार जनरेट कर सकेंगे। यह आईडी सिर्फ कुछ समय के लिए ही वैध रहेगी, इससे इस आईडी का गलत इस्तेमाल होने की आशंका न के बराबर होगी। इस आईडी को आप खुद जनरेट कर सकेंगे।
कैसे करेगी काम :
वर्चुअल आईडी जनरेट करने के बाद आपको जहां भी अपनी आधार डिटेल देनी है, वहां इस आईडी को देना होगा। यानी आपका काम बिना आधार नंबर दिए हो जाएगा। फायदा यह है कि एजेंसियां आपके आधार की पूरी डिटेल की एक्सेस नहीं कर पाएंगी। इससे वह सिर्फ उतनी ही जानकारी देख या पा सकेंगे, जितना उनके लिए जरूरी है।
फेशियल रिकॉग्नीशन :
UIDAI आधार में फेशियल रिकॉग्नीशन फीचर भी देने वाला है। यह भी आधार ऑथेंटिकेशन के एक विकल्प में शामिल होगा, जैसे फिंगर प्रिन्ट, आधार नंबर, आयरिस स्कैन (आंख की पुतली का स्कैन), ओटीपी हैं।
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इस विकल्प को 1 जुलाई से शुरू कर दिया जाएगा। इसे लाने की वजह है कि उम्र बढ़ने के कारण एक वक्त के बाद इन्सान के फिंगर प्रिन्ट मैच नहीं होते हैं। ऐसे में उसे आधार के जरिए मिलने वाले कई सरकारी स्कीमों के लाभ से वंचित न होना पड़े, इसलिए इस नए फीचर को एड किया जा रहा है।
KYC को भी कर दिया लिमिटेड :
UIDAI ने हाल ही में KYC के लिए डाटा की लिमिट भी तय कर दी है। सरकार ने एक ऐसा कानून बना दिया है, जिससे एजेंसियां केवल उतना ही आधार डाटा देख या ले सकेंगी, जितनी उन्हें जरूरत है। उदाहरण के लिए अगर किसी जगह केवल आपके नाम और पते की जरूरत है तो एजेंसी केवल आपका नाम और पता ही आधार डाटा से ले सकेगी। बाकी की डिटेल्स को वह एक्सेस नहीं कर सकेगी।
साभार : bhaskar.com