सियाचिन में छह दिन 25 फुट बर्फ के नीचे फंसे रहने का बाद जिंदा निकले लांस नायक हनुमंतप्पा नहीं रहे। दिल्ली में सेना के आर एंड आर अस्पताल में 11.45 पर उन्होंने आखिरी सांस ली। इससे पहले गुरुवार सुबह मेडिकल बुलेटिन में बताया गया था कि उनकी हालत और बिगड़ गई है और वह गहरे कोमा में चले गए हैं।
हनुमंतप्पा के शरीर के कई अंग काम नहीं कर रहे थे, उनके दोनों फेफड़ों में निमोनिया के लक्षण पाए गए थे, तथा उनके दिमाग तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच रही थी। उनकी हालत बेहद गंभीर (extremely critical) बताई गई थी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लांस नायक हनुमंतप्पा की मौत पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
35 फुट मोटी बर्फ की परत के नीचे दबा सेना का यह जवान चमात्कारिक रूप से छह दिनों बाद जिंदा मिला था। जहां पर यह बर्फानी तूफान आया वह जगह करीब 20 हजार फुट की ऊंचाई पर है। वहां का तापमान माइनस 45 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहता है।