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क्या आप भी देर रात तक बैठते हैं शीशे से बंद घर या ऑफिस में, जानिए किस रोग को दे रहे है निमंत्रण ! 2

क्या आप भी देर रात तक बैठते हैं शीशे से बंद घर या ऑफिस में, जानिए किस रोग को दे रहे है निमंत्रण !

कितना आरामदायक लगता है, शीशे से बंद एयरकंडीशनिंग वाले घर, ऑफिस में बैठना। लेकिन इससे होने वाले नुकसान को आप नजरंदाज कैसे कर सकते हैं? क्या आप जानते हैं ये आपकी हड्डियों को खोखला बना रहे हैं? दरअसल ऐसे घर और ऑफिस न केवल ताजा हवा, बल्कि धूप से भी लोगों को वंचित करते हैं।

इसके चलते शरीर में विटामिन-डी की कमी होती है और हड्डियां कमजोर होती हैं। दिल्ली के अपोलो अस्पताल के सीनियर ऑरथोपेडिक डॉ. राजू वैश्य ने एक रिसर्च में ये बात कही।

विटामिन डी की कमी की वजह:

मरीजों में से 95 फीसदी मरीजों में विटामिन-डी की कमी होती है और इसका एक मुख्य कारण पर्याप्त मात्रा में धूप न मिलना है, जो विटामिन-डी का मुख्य स्रोत है।

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विटामिन डी का मुख्य स्रोत सूर्य की रोशनी है, जो हड्डियों के अलावा पाचन क्रिया में भी बहुत उपयोगी है।

नहीं देते विटामिन डी की तरफ ध्यान:

बिजी लाइफस्टाइल और आधुनिक संसाधनों के कारण लोग तेज धूप नहीं ले पाते। खुले मैदान में घूमना-फिरना और खेलना भी बंद हो गया। इस कारण धूप के जरिए मिलने वाला विटामिन-डी उन तक नहीं पहुंच पाता।

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जब भी किसी को घुटने या जोड़ में दर्द होता है, तो उसे लगता है कि कैल्शियम की कमी हो गई है, जबकि विटामिन-डी की ओर किसी का ध्यान नहीं जाता।

कैल्शियम वाला आहार और विटामिन-डी की पर्याप्त मात्रा लें:

सबसे ज्यादा चिंता की बात है कि आज की पीढ़ी कम कैल्शियम वाला आहार और विटामिन-डी की अपर्याप्त मात्रा ले रही है, जिससे उनमें हड्डियों का घनत्व कम और हड्डियां कमजोर हो रही हैं।बड़ी उम्र में होने वाले इस रोग से बचपन में ही बचाव किया जा सकता है।

अगर बच्चों को खासकर किशोरावस्था में प्रतिदिन 1200 से 1300 मिलीग्राम कैल्शियम दिया जाए तो वे इस बीमारी से बच सकते हैं। लेकिन आंकड़ों के अनुसार, आम तौर पर बच्चे 700 से 1000 मिलीग्राम कैल्शियम का ही सेवन करते हैं।

विटामिन डी के स्त्रोत:

सूर्य विटामिन डी के लिए एक बेहतर चुनाव है और सुबह की धूप से पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी प्राप्त किया जा सकता है। लेकिन साथ ही एक और बात की सूर्य से हमें विटामिन डी मिलता नहीं है।

बल्कि जब सूर्य की किरणें त्वचा पर पड़ती है, तो त्वचा में विटामिन डी बनने की प्रक्रिया जो निष्क्रिय होती है, वह तेज हो जाती है और शरीर में विटामिन डी के बनने की गति तेज हो जाती है।

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संतरे का रस:

संतरे के रस में भी विटामिन डी भरपूर होता है। कई स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों का मानना है कि विटामिन डी से स्वास्थ्य में जल्‍दी सुधार आता है। इसलिए संतरे के जूस को अपने आहार में जरूर शामिल करना चाहिए।

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साबुत अनाज:

विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत अनाज है। विटामिन डी की पूर्ति के लिए नाश्ते से साबुत अनाज को शामिल करें। इससे शरीर में विटामिन डी की कमी नहीं होगी।

सॉल्‍मन और टुना फिश:

खाने से भी विटामिन डी की कमी पूरी हो जाती है। अगर आपको मछली खाना पसंद नहीं है तो आप अंडे को भी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इससे भी विटामिन डी की कमी नहीं होती है।

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