अगर आपको कभी-कभी धुंधला दिखने लगे तो इसके कई कारण हो सकते है। इसका सही कारण जानने का सबसे सही तरीका है कि डॉक्टर से आंखों की जांच कराएं। कई बार चक्कर आने को हम रोग मान बैठते हैं, किन्तु यह रोग न होकर मस्तिष्क की व्याधि है।
जब कभी दिमाग में खून की मात्रा पूर्ण रूप से नहीं पहुंचती तो दिमाग की नसें थोड़ी कमजोर पड़ जाती हैं। जिसके कारण चक्कर आने लगता है। चक्कर कुछ देर तक रहता है। कभी-कभी हम बस में एक ध्यान में बैठे होते है, और पास खड़ी बस जब चलने लगती है तो ऐसा लगता जिस बस में हम बैठे है वो बस चल पड़ी , बहती नदी के देर तक देखने से भी चक्कर आने लगते हैं।
क्यों नज़र हो जाती है धुंधली
दृष्टि का कभी-कभी धुंधला हो जाना एक बहुत ही आम समस्या है, लेकिन ऐसा कई कारणों से हो सकता है। तो इसका सही कारण जानने का सबसे सही तरीका है कि आप डॉक्टर के पास जाएं और जांच कराएं।
ये भी पढ़ें : आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए अपनाएं ये आसान व् जरुरी उपाय….
आपकी समस्या के बारे में कुछ जरूरी सवाल करने तथा कुछ आवश्यक टेस्ट करने के बाद डॉक्टर आपकी समस्या का उचित निदार करता है और आपको समस्या मुक्त करता है। लेकिन आपको भी पता होना चाहिए कि इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं।
आंखों में सूखापन
यदि आंखों में आंसू नहीं बन रहे हैं, जैसे कि उन्हें बनना चाहिए तो इस कारण आंखों में हुए सूखेपन की वजह से आप दृष्टी में धुंधलापन महसूस कर सकते हैं। यह समस्या कभी-कभी, सरल ओटीसी आई ड्रॉप से समाप्त हो सकती है।
दवाओं के सेवन के कारण :
हम सभी जानते हैं कि सभी दवाओं के कुछ न कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। तो यदि आपकी आंखों में धुंधलेपन की समस्या हो रही है तो जानने की कोशिश करें कि यह किस दवा के सेवन के बाद अधिक होता है। और फिर इस बारे में अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
ये भी पढ़ें : रोजाना सिर्फ 10 मिनट करें ये काम, बढ़ेगी आंखों की रोशनी
क्या है मोतियाबिंद :
मोतियाबिंद के कारण आंखों के लेंस के आगे गर्द जैसी जम जाती है, जिसके कारण भी दृष्टी धुंधली हो जाती है। अधिकांशतः बड़े उम्र के लोगों को होने वाली इस समस्या को चश्मा लगाकर ठीक नहीं किया जा सकता और इसे ऑपरेट करना पड़ता है।
ग्लोकोमा
नजर का धुंधला होना ग्लोकोमा का लक्षण भी हो सकता है। इसमें आंखों में ऊपर को दबाव बनता है और ऑप्टिक नर्व को हानि पहुंचाता है। यदि आपके परिवार में ग्लोकोमा का इतिहास रहा है तो आपको नियमित अंतराल पर आंखों की जांच करते रहना चाहिए।
रिफलेक्टिव त्रुटियां
कोई रिफलेक्टिव त्रुटि सही ढंग से प्रकाश केंद्रित में आ रही समस्या के परिणाम स्वरूप होने वाला ऑप्टिकल दोष होता है। फारसाइटिडनेस, नीयरसाइटिडनेस और एस्टिग्मैटिस्म कुछ प्रमुख रिफलेक्टिव त्रुटियां हैं। इनके कारण भी नज़र धुंधली हो जाती है।
एक गिलास दूध में एक चम्मच देशी घी, एक चम्मच पिसी मिश्री तथा तुलसी की चार पत्तियां डालकर पीने से चक्कर आना बंद हो जाएगा।
खरबूजे के बीज को घी में भून लें फिर इनको पीसकर 6 ग्राम से 10 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करें।
10 ग्राम कालीमिर्च को 250 ग्राम शक्कर में मिलाकर देशी घी में भूनकर कतली जमा लें। फिर 5 ग्राम की एक कतली सुबह दूध के साथ सेवन करें।
गेहूं के 10 ग्राम चोकर में कालीमिर्च के चार दाने पीसकर मिलाएं, फिर इसका काढ़ा बनाकर सेवन करें।
तुलसी, कालीमिर्च तथा जौ – तीनों का काढ़ा बनाकर पीने से सिर के चक्कर जाते रहते हैं।
मुनक्के के कुछ दाने तवे पर भूनकर उनमें नमक लगाकर चबा-चबाकर कुछ दिनों तक खाएं।
10 ग्राम सौंफ का चूर्ण 250 ग्राम खांड़ में मिलाकर रख लें। इसमें से दो चम्मच चूर्ण खाकर पानी पी लें। यदि पेट में अधिक गैस (वायु) बनने के कारण सिर में चक्कर आ रहे हों तो गुनगुने पानी में आधा नीबू तथा एक चुटकी खाने वाला सोडा डालकर पीने से चक्कर आने बंद हो जाएंगे।