fbpx
पंचायत के 'वर्जिनिटी टेस्ट' के खिलाफ कपल ने शुरू की जंग 2

पंचायत के ‘वर्जिनिटी टेस्ट’ के खिलाफ कपल ने शुरू की जंग

आज हम 21वीं सदी के आधुनिक युग में जी रहे हैं लेकिन भारत में अभी भी कई समाजों रूढ़िवादी मानसिकता कायम है और इसका असर समाज के प्रगतिशील लोगों के विकास पर भी पड़ रहा है। ऐसा ही एक समाज है कंजारभाट समाज। यहां आज भी शादी के बाद रूढ़िवादी परंपरा ‘वर्जिनिटी टेस्ट’ से कपल्स को गुजरना पड़ता है। इस ‘टेस्ट’ से इनकार किया तो समाज से बाहर निकाल दिया जाता है।

यह भी पढ़ें: महिला पुलिसकर्मी ने मांगी सेक्स चेंज की अनुमति, असमंजस में अफसर

ऐसे ही एक शादीशुदा जोड़े को 10 साल पहले इस टेस्ट से इनकार के बाद समाज से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। आज यह कपल वॉट्सऐप के जरिए अब इस समाज के लोगों में जागरूकता पैदा करने की कोशिश कर रहा है। कंजारभाट समाज की इस ‘वर्जिनिटी टेस्ट’ परंपरा के तहत सुहागरात के समय पंचायत के लोग बेडरूम के बाहर बैठते हैं। बिस्तर पर सफेद चादर बिछा दी जाती है। अगली सुबह अगर चादर पर ‘खून’ दिखा तो ठीक नहीं तो फिर दुल्हन पर कई तरह के आरोप लगने शुरू हो जाते हैं। उसे वर्जिन ही नहीं माना जाता।

यह भी पढ़ें: क्या भारत मे सेक्स क्रांति की शुरुवात हो चुकी है ?

समाज की इस रूढ़िवादी परंपरा के कारण कई परिवारों में मुश्किल स्थिति भी पैदा हो चुकी है। वर्ष 1996 में कृष्णा इंद्रेकर और अरुणा इंद्रेकर ने शादी की। बाद में उन्होंने पंचायत की इस रूढ़िवादी परंपरा को मानने से इनकार कर दिया था। इसके बाद पंचायत की फरमान पर उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया। कृष्णा ने बताया, ‘इस रूढ़िवादी परंपरा के खिलाफ हमारी जंग पिछले 20 साल से जारी है। हमने कई बार पंचायत और समाज के लोगों को इस तरह की रूढ़िवादी मानसिकता से बाहर निकालने की कोशिश की। हमारा प्रयास लगातार जारी है।

यह भी पढ़ें: ब्रिटेन: 13 साल से कम उम्र के बच्चों के फेसबुक और ट्विटर इस्तेमाल पर सरकार ने कसा शिकंजा

आज इस समाज के युवा लगातार विकास के पथ पर हैं। प्रगतिशील क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। बावजूद इसके समाज का एक तबका अभी भी उन्हीं पुरानी परंपराओं से जकड़ा है और इसका असर कहीं न कहीं समाज से आने वाले सभी लोगों पर पड़ रहा है। इसे जड़ से खत्म करने के लिए यह लड़ाई जारी रहेगी।’ अरुणा कहती हैं, ‘इस तरह से पंचायत के फरमान पर वर्जिनिटी टेस्ट कराना सरासर महिला अधिकारों का हनन है।

यह भी पढ़ें: सरकार ने टीवी पर कंडोम के विज्ञापनों पर लगाई पाबंदी, अब रात 10 बजे के बाद ही दिखेंगे कंडोम के विज्ञापन

इस अन्याय को रोकने के लिए हम सभी को मिलकर कदम उठाना ही होगा।’ कृष्णा ने बताया कि आज 40 लोगों का एक ग्रुप वॉट्सऐप पर जुड़ा है। इस ग्रुप का नाम है ‘Stop the VRitual’। इसके तहत इस समाज के अधिक से अधिक लोगों को जोड़कर इस रूढि़वादी परंपरा के खिलाफ जागरूकता पैदा करने की कोशिश की जा रही है।

source: nbt

Leave a Comment

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

बदलते मौसम में अक्सर हो जाती है गले में खराश, गर्मियों में ये उपाय करें! क्या आप भी अपने बच्चे की स्किन पर white patches देख कर हैं परेशान,जानिए इसकी वजह! चीनी को कर दें ना, वर्ना हो सकता है बहुत बड़ा नुक्सान ! पूरी बनाने के बाद, अक्सर तेल बच जाता है,ऐसे में महंगा तेल फैंक भी नही सकते और इसका reuse कैसे करें! रक्तदान है ‘महादान’ क्या आपने करवाया, स्वस्थ रहना है तो जरुर करें, इसके अनेकों हैं फायदे! गर्मियों में मिलने वाले drumstick गुणों की खान है, इसकी पत्तियों में भी भरपूर है पोषण! क्या storage full होने के बाद मोबाइल हो रहा है हैंग, तो अपनाएं ये तरीके!