डिलीवरी के बाद महिलाओं में परिवर्तन:
गर्भावस्था के दौरान गर्भवती के शरीर में अत्यधिक हार्मोनल चेंजेस की वजह से परिवर्तन होता है, लेकिन अधिकतर महिलाओं की त्वचा अत्यधिक संवेदनशील हो जाती है।
जिस के कारण उन्हें त्वचा संबंधी कई परेशानियों जैसे स्ट्रेच मार्क्स, खुजली, मुंहासे, पिग्मैंटेशन और प्रसव के बाद त्वचा का ढीला पड़ जाना आदि का सामना करना पड़ता है। मूड का बदलना, तनाव, चिंता आदि इस दौरान होना स्वाभाविक होता है। गर्भावस्था के कुछ शारीरिक परिवर्तनों के बारे में बता रहे हैं।
पेट में परिवर्तन:
प्रसव के बाद महिला का पेट थैले की तरह हो जाता है। लेकिन कुछ समय के बाद दैनिक जीवन की शुरूआत के साथ ही साथ पेट भी अपनी सामान्य अवस्था में आ जाता है। लेकिन पेट निकलने से बचाने के लिए महिला को व्यायाम करने की आवश्यकता होती है।
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बालों का झड़ना:
सामान्य तौर पर प्रतिदिन 100 बालों का गिरना स्वाभाविक होता है। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान हारमोन्स में परिवर्तन होने के कारण बालों के गिरने में बढ़ोत्तरी हो सकती है।
प्रसव के बाद शुरूआती 6 महीने में यह समस्या सबसे ज्यादा होती है। इसमें बालों का झड़ना आम बात है।
त्वचा की रंगत में सुधार होगा:
गर्भावस्था के दौरान त्वचा के रंग में फर्क पड़ने लगता है और वह सामान्य नहीं रहती है। लेकिन प्रसव के बाद यह स्वाभाविक रंग में आने लगती है। गर्भावस्था के दौरान शरीर में दाने होने वाली समस्या भी दूर हो जाती है।
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स्तनों के आकार में बदलाव:
डिलवरी के 1-2 दिनों के बाद आपके ब्रेस्ट में सूजन हो जाएगी जो कि दूध से भरे हुए प्रतीत होंगे। ब्रेस्ट से दूध रिसने लगेंगे। आप जैसे ही स्तनपान करवाएंगी आपके ब्रेस्ट फिर से नार्मल हो जाएंगे।
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