बुद्ध पूर्णिमा क्या है
हिन्दू पंचांग के हिसाब से बैशाख की पूर्णिमा को ही भगवान बुद्ध का जन्मोत्सव मनाया जाता है। क्योंकि मान्यता है कि, इसी तिथि को महात्मा बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व नेपाल के लुम्बनी नामक स्थान पर हुआ था।
सांसारिक जीवन से विरक्त होकर उन्होंने गया में बोद्धि वृक्ष के नीचे 49 दिनों तक लगातार तपस्या की थी। 49वें दिन ज्ञान प्राप्त होने के कारण वो बुद्ध कहलाए थे। ज्ञान प्राप्त होने के बाद उन्होंने अपना प्रथम उपदेश सारनाथ में दिया था। जहां इनके प्रथम पांच शिष्य थे। इस प्रथम उपदेश को धर्मचक्र परिवर्तन के नाम से भी जाना जाता है। वहीं भगवान बुद्ध ने लोगों को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी थी, इसी कारण भगवान बुद्ध का जन्मोत्सव केवल भारत में ही नहीं अपितु पूरे संसार में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
बैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा हिन्दू धर्मपंथ और बौद्ध धर्मपंथ दोनों में ही बहुत ही श्रद्धा भाव से मनायी जाती है। इस साल 2022 में बुद्ध पूर्णिमा 16 मई को मनायी जाएगी। इस दिन भगवान बुद्ध के अलावा भगवान विष्णु और भगवान चंद्रदेव की भी पूजा की जाती है। वहीं संयोग से इस बार बुद्ध पूर्णिमा के दिन 16 मई को चंद्र ग्रहण भी लग रहा है, इससे इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है।
बुद्ध पूर्णिमा 2022 शुभ मुहूर्त
साल 2022 में 16 मई, दिन सोमवार को बैशाख मास की पूर्णिमा तिथि पड़ रही है। इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। वहीं बुद्ध पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त 15 मई को 12:45 बजे से शुरू हो रहा है और 16 मई को 09:45 बजे पर समाप्त होगा। वहीं इस दिन विशाखा नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है। मान्यता है कि, चंद्र दर्शन के बिना पूर्णिमा का व्रत पूरा नहीं होता है और इस दिन चंद्र दर्शन करने से चंद्र देव का आशीर्वाद मिलता है।
बुद्ध पूर्णिमा पर व्रत के फायदे
पौराणिक मान्यता है कि गौतम बुद्ध ही भगवान विष्णु के नौवें अवतार हैं। इसलिए हिंदू धर्म में भी बुद्ध पूर्णिमा को बहुत पवित्र और खास माना गया है. इस दिन बौद्धधर्मानुयायी बुद्ध पूर्णिमा पर्व को प्रकाश उत्सव के रूप मे मनाते हैं।
इस दिन जरूरतमंद लोगों को अन्न-दान करने की परंपरा है।
भगवान् बुद्ध के अनुयायी पूरे विश्व में पाए जाते हैं और उनके कारण नेपाल भारत श्रीलंका चीन और सभी दक्षिण एशियाई देश एक सूत्र से जुड़े मालूम होते है! इनकी एक पहचान और एक इतिहासिक विरासत है जिसपर ये गर्व करते हैं! ये इतिहासिक विरासत मानव कल्याण के लिए भारत और उपमहाद्वीप की प्रतिबद्धिता दर्शाता है ! बुद्ध के अनुयायी विश्व में शांति के लिए कार्य करते हैं और केवल आत्मरक्षा में ही लड़ने का कार्य करते हैं !
आज भारत नेपाल और भारतीय उपमहाद्वीप की कल्याणकारी विरासत की चर्चा पूरे विश्व में जिन कारणों से है उसमें आयुर्वेद, योग और बुद्ध प्रमुख हैं जिनके मानव कल्याण वाले कार्यों और विचारधारा से लोगों को बहुत लाभ हो रहा है!
बुद्ध की शिक्षाएं मानवता और दया को बढ़ावा देती हैं और सेवा के लिए प्रेरित करती हैं! भारतीय लोग इस दिन जगह जगह पियाऊ लगते हैं और लोगों को खाना खिलते है, साथ ही पशु पक्षियों के लिए भी दया भाव रखते हैं और भोजन एवं सहायता प्रदान करते हैं !
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