राजस्थान भारत गणराज्य के क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। राजस्थान की राजधानी जयपुर है। इसके पश्चिम मेंपाकिस्तान, दक्षिण-पश्चिम में गुजरात, दक्षिण-पूर्व मेंमध्य प्रदेश, उत्तर में पंजाब, उत्तर-पूर्व में उत्तर प्रदेशऔर हरियाणा है। राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग कि.मी. (1,32,139 वर्ग मील) है। भौगोलिक विशेषताओं में पश्चिम में थार मरुस्थल और घग्घर नदी का अंतिम छोर है। विश्व की पुरातन श्रेणियों में प्रमुख अरावली श्रेणी राजस्थान की एकमात्र पहाड़ी है जो माउंट आबू और विश्वविख्यात दिलवाड़ा मंदिर को सम्मिलित करती है। पूर्वी राजस्थान में दो बाघ अभयारण्य, रणथम्भौर एवं सरिस्का हैं और भरतपुर के समीप केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान है, जो पक्षियों की रक्षार्थ निर्मित किया गया है। राजस्थान भारतवर्ष के पश्चिम भाग में अवस्थित है, जो प्राचीन काल से विख्यात रहा है। तब इस प्रदेश में कई इकाईयाँ सम्मिलित थीं, जो अलग-अलग नाम से सम्बोधित की जाती थीं।
1 ॰ जयपुर –
कछवाहा राजा जयसिंह द्वितीय का बसाया हुआ राजस्थान का ऐतिहासिक प्रसिद्ध नगर है। इस नगर की स्थापना 1728 ई. में की थी और उन्हीं के नाम पर इसका यह नाम रखा गया गया। स्वतंत्रता के बाद इस रियासत का विलय भारतीय गणराज्य में हो गया। जयपुर सूखी झील के मैदान में बसा है जिसके तीन ओर की पहाड़ियों की चोटी पर पुराने क़िले हैं। यह बड़ा सुनियोजित नगर है। बाज़ार सब सीधी सड़कों के दोनों ओर हैं और इनके भवनों का निर्माण भी एक ही आकार-प्रकार का है। नगर के चारों ओर चौड़ी और ऊँची दीवार है, जिसमें सात द्वार हैं। यहाँ के भवनों के निर्माण में गुलाबी रंग के पत्थरों का उपयोग किया गया है, इसलिए इसेगुलाबी शहर भी कहते हैं। जयपुर में अनेक दर्शनीय स्थल हैं, जिनमें हवा महल, जंतर–मंतर, जल महल,आमेर का क़िला और कुछ पुराने क़िले अधिक प्रसिद्ध हैं।
2 ॰ उदयपुर –
उदयपुर शहर, दक्षिणी राजस्थान राज्य, पश्चिमोत्तरभारत में, अरावली पर्वतश्रेणी पर स्थित है। बंबई (अब मुम्बई) से 697 मील उत्तर उदयपुर-चित्तौर रेलवे के अंतिम छोर के पास स्थित उदयपुर नगरमेवाड़ के गर्वीले राज्य की राजधानी है। नगर समुद्रतल से लगभग दो हज़ार फुट ऊँची पहाड़ी पर प्रतिष्ठित है एवं जंगलों द्वारा घिरा है। प्राचीन नगर प्राचीर द्वारा आबद्ध है जिसके चतुर्दिक् रक्षा के लिए खाई खुदी है। पहाड़ी के ऊर्ध्व शिखर पर नाना प्रकार के प्रस्तरों से निर्मित महाराणा का प्रासाद, युवराज गृह, सरदार भवन एवं जगन्नाथ मंदिर दर्शनीय हैं। इनका प्रतिबिंब पचोला झील में पड़ता है। झील के मध्य में यज्ञ मंदिर एवं जलवास नामक दो जलप्रासाद हैं
3॰ जोधपुर –
जोधपुर शहर, जोधपुर ज़िले का प्रशासनिक मुख्यालय, राजस्थान राज्य, पश्चिमोत्तर भारत में है। जोधपुर प्रमुख सड़क और रेल जंक्शन वाला शहर है। जोधपुर शहर के कुछ हिस्से 18वीं शताब्दी के परकोटे से घिरे हुए हैं। यह दुर्ग, जिसमें महल और ऐतिहासिक संग्रहालय हैं, एक अलग-थलग, लेकिन ऊँची चट्टान पर बना हुआ है, जो दूर से ही दिखाई देता है। इसके ठीक उत्तर में मारवाड़ की प्राचीन राजधानी मंडौर के चौथी शताब्दी के अवशेषविद्यमान हैं। जोधपुर मारवाड़ों का मुख्य वित्तिय राजधानी था, जहाँ राठौड़ वंश ने शासन किया था। जोधपुर थार मरुस्थल के दाहिने छोर पर स्थित है।
4 ॰ जैसलमेर –
जैसलमेर शहर, पश्चिमी राजस्थान राज्य, पश्चिमोत्तर भारत में स्थित है। अनुपम वस्तुशिल्प, मधुर लोक संगीत, विपुल सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत को अपने में संजोये हुए जैसलमेर स्वर्ण नगरी के रूप में विख्यात है। पीलेभूरे पत्थरों से निर्मित भवनों के लिए विख्यात जैसलमेर की स्थापना 1156 ई. में राजपूतों(राजपूताना ऐतिहासिक क्षेत्र के योद्धा शासक) के सरदार रावल जैसल ने की थी। रावल जैसल के वंशजों ने यहाँ भारत के गणतंत्र में परिवर्तन होने तक बिना वंश क्रम को भंग किए हुए 770 वर्ष सतत शासन किया, जो अपने आप में एक महत्त्वपूर्ण घटना है। सल्तनत काल के लगभग 300 वर्ष के इतिहास में गुजरता हुआ यह राज्य मुग़ल साम्राज्य में भी लगभग 300 वर्षों तक अपने अस्तित्व को बनाए रखने में सक्षम रहा। भारत में अंग्रेज़ी राज्य की स्थापना से लेकर समाप्ति तक भी इस राज्य ने अपने वंश गौरव एवं महत्त्व को यथावत रखा। भारत की स्वतंत्रता के पश्चात यह भारतीय गणतंत्र में विलीन हो गया।
5 ॰ बीकानेर –
बीकानेर शहर, उत्तर-मध्य राजस्थान राज्य, पश्चिमोत्तर भारत में स्थित है। बीकानेर दिल्ली से 386 किमी पश्चिम में पड़ता है। बीकानेर राजस्थान का एक नगर तथा पुरानी रियासत था। बीकानेर शहर भूतपूर्व बीकानेर रियासत की राजधानी था। लगभग सन् 1465 ई. में राठौर जाति के एक राजपूत सरदार बीका ने अन्य राजपूत जातियों का भूभाग जीतना प्रारंभ किया।
6 ॰ पुष्कर –
पुष्कर ब्रह्मा के मंदिर और ऊँटों के व्यापार मेले के लिए प्रसिद्ध है। पुष्कर का शाब्दिक अर्थ है तालाब।अजमेर से मात्र 11 किलोमीटर दूर तीर्थराज पुष्कर विश्वविख्यात है और पुराणों में वर्णित तीर्थों में इसका महत्त्वपूर्ण स्थान है। राजस्थान के शहरअजमेर में कई पर्यटन स्थल है जिनमें से ये एक है। अनेक पौराणिक कथाएं इसका प्रमाण हैं। यहाँ से प्रागैतिहासिक कालीन पाषाण निर्मित अस्त्र-शस्त्रमिले हैं, जो उस युग में यहाँ पर मानव के क्रिया-कलापों की ओर संकेत करते हैं।
7 ॰ सवाई माधोपुर –
सवाई माधोपुर राजस्थान के प्रमुख शहरों में से एक है। यह शहर ‘रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान’ के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इस शहर की स्थापना सवाई माधोसिंह प्रथम ने की थी, जो जयपुर के महाराजा थे। 18वींशताब्दी में महाराजा सवाई माधोसिंह द्वारा इस शहर की स्थापना करने के बाद उन्हीं के नाम पर इस जगह का नाम ‘सवाई माधोपुर’ पड़ा। यह स्थान केवल राष्ट्रीय उद्यान के लिए ही नहीं, बल्कि अपने मंदिरों के लिए भी प्रसिद्ध है। सवाई माधोपुर में हर मंदिर के साथ कोई-न-कोई कहानी जुड़ी हुई है। ख़ूबसूरत वास्तुशिल्प से सजे ये मंदिर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचते हैं।
8 ॰ चित्तौड़ गढ़ –
इसका पुराना नाम चित्तौड़ था चित्तौड़गढ़, भारत के पश्चिमी राज्य राजस्थान का एक प्रमुख नगर है। मेवाड़ का प्रसिद्ध नगर जो भारतके इतिहास में सिसौदिया राजपूतों की वीरगाथाओं के लिए अमर है। प्राचीन नगर चित्तौड़गढ़ स्टेशन से ढाई मील दूर है। मार्ग में गम्भीर नदी पड़ती है। भूमितल से 508 फुट ऊँची पहाड़ी पर इतिहास प्रसिद्ध चित्तौड़गढ़ स्थित है। दुर्ग के भीतर ही चित्तौड़नगर बसा है, जिसकी लम्बाई साढ़े तीन मील और चौढ़ाई एक मील है। परकोटे की क़िले की परिधि 12 मील है। कहा जाता है कि चित्तौड़ से 8 मील उत्तर की ओर नगरी नामक प्राचीन बस्ती ही महाभारतकालीन माध्यमिका है। चित्तौड़ का निर्माण इसी के खंडहरों से प्राप्त सामग्री से किया गया था।
9 ॰ माउंट आबू –
माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है। समुद्र तल से 1220 मीटर की ऊँचाई पर स्थित माउंट आबू को राजस्थान का स्वर्ग भी माना जाता है। नीलगिरि की पहाड़ियों पर बसे माउंट आबू की भौगोलिक स्थित और वातावरण राजस्थान के अन्य शहरों से भिन्न व मनोरम है। यह स्थान राज्य के अन्य हिस्सों की तरह गर्म नहीं है। माउंट आबू हिन्दूऔर जैन धर्म का प्रमुख तीर्थस्थल है। यहाँ का ऐतिहासिक मंदिर और प्राकृतिक ख़ूबसूरती पर्यटकों को अपनी ओर खींचती है।
10 ॰अलवर –
अलवर शहर की स्थापना कछवाहा राजा प्रताप सिंह ने 1770 मे की थी ।अलवर शहर, पूर्वोत्तर राजस्थान राज्य के पश्चिमोत्तर भारत में स्थित है। अलवर का क्षेत्र दक्षिण से उत्तर में लगभग 13 किलोमीटर तथा पूर्व में लगभग 110 किलोमीटर तक फैला हुआ हैं। अलवर का प्राचीन नाम शाल्वपुर था। चारदीवारी और खाई से घिरे इस शहर में एक पर्वतश्रेणी की पृष्ठभूमि के सामने शंक्वाकार पहाड़ पर स्थित बाला क़िला इसकी विशिष्टता है। 1775 में इसे अलवर रजवाड़े की राजधानी बनाया गया था।
अरावली पर्वत श्रेणियों की तलहटी में बसा अलवर पूर्वी राजस्थान में ‘काश्मीर’ नाम से जाना जाता है तथा पर्यटकों के लिए सदैव आकर्षण का केंद्र रहा है।दिल्ली के निकट होने के कारण यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल है। दिल्ली से क़रीब 100 मील दूर बसा राजस्थान का ‘सिंहद्धार’ अलवर ज़िला अपनी प्राकृतिक सुषमा के कारण अन्य ज़िलों से अपना अलग अस्तित्व बनाए हुए है। अलवर अरावली की पहाडियों के मध्य में बसा है।
Source- Transindiatravel.com