आपके घर में भी है शिशु तो माताएं हो जाएँ स्तर्क।विशेषज्ञों का मानना रहा है कि पैदा हुए बच्चे और छोटे शिशु के स्वास्थ्य के लिए तकिये का इस्तेमाल बेहद नुकसानदायक रहता है। एक-दो दिन के बच्चों के लिए तो तकिया लगाना कई बार खतरनाक भी साबित हो जाता है।
अधिकतर ऐसा देखा जाता है कि मां अपने नवजात शिशु गोदी में थपकी देकर सुला तो देती है लेकिन बिस्तर पर सुलाने के लिए माताएं अक्सर शिशु के सिर के नीचे तकिया रख देती है।
लेकिन ऐसा अधिवकंश माताओं को नहीं पता होगा कि ऐसा करने से नवजात शिशु की स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालेगा। इसलिए बेहतर होगा कि आप छोटे बच्चों को बिस्तर पर सीधे बिना तकिए के ही सुलाएं।तो आइए जानते हैं छोटे बच्चों को तकिए पर सुलाने से क्या नुकसान होते हैं।
1. छोटे बच्चों का शरीर कोमल और नाजुक होता है, इसलिए उनके सिर के नीचे तकिया लगाने से उनकी सांस नली अंदर से मुड़कर दब सकती है। जो बच्चे के लिए जानलेवा भी साबित हो सकती है।
2. अगर आप फैंसी तकिये का इस्तेमाल करते है तो बता दें कि ये फैंसी तकिये गर्म होते हैं और ये सिर में गर्मी पैदा कर सकते हैं। जो बच्चे के लिए घातक हो सकता है।
4. अगर आप बच्चे के सिर के नीचे हमेशा तकिये का इस्तेमाल करते है तो तकिया लगाने से उनका सिर चपटा हो जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इससे सिर पर लगातार प्रेशर पड़ता रहता है।
5. तकिया लगाने से बच्चे की गर्दन मुड़ने का डर रहता है. बच्चों के गले की हड्डी बहुत नाजुक होती है. ऐसे में तकिया लगाना, इस समस्या को पैदा कर सकता है।
बच्चे को सुलाने का तरीका :
हमेशा बच्चे को पीठ के बल सुलाएं। छाती की तरफ कभी ना सुलाएं।
2 साल ही उम्र तक के बच्चों को तकिया न लगाएं।
अगर साइड में गिरने के डर से तकिया रखते हैं को फ्लैट और कठोर तकिया लें।
हर दो घंटे में बच्चे के सिर की स्थिति बदलें।