आधुनिक जीवनशैली और स्वास्थ्य पर उसका प्रभाव
वर्तमान समय में भारत तेजी से शहरीकरण और तकनीकी विकास की ओर बढ़ रहा है। हालांकि यह प्रगति आर्थिक और सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके साथ-साथ इसके दुष्प्रभाव भी हमारे स्वास्थ्य पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। बदलती जीवनशैली, शारीरिक गतिविधियों की कमी, अत्यधिक जंक फूड का सेवन और असंतुलित खान-पान के कारण जीवनशैली से जुड़ी बीमारियाँ (Lifestyle Diseases) खतरनाक रूप से बढ़ रही हैं। विशेष रूप से फैटी लिवर, मोटापा और विटामिन D की कमी जैसी समस्याएँ अब केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि युवाओं और बच्चों तक भी पहुँच चुकी हैं।
इसका मुख्य कारण है – एक गतिहीन जीवनशैली और स्वास्थ्य, जहां लोग अधिकांश समय बैठकर बिताते हैं और स्क्रीन के सामने अधिक समय गुजारते हैं। मोबाइल फोन, लैपटॉप और टीवी जैसे उपकरणों ने हमारी दिनचर्या को इस कदर बदल दिया है कि हम शारीरिक गतिविधियों से दूर होते जा रहे हैं। पारंपरिक भारतीय भोजन की जगह फास्ट फूड ने ले ली है, जो शरीर को आवश्यक पोषक तत्व नहीं दे पाता। इसके परिणामस्वरूप शरीर में फैट का संचय, लिवर की कार्यप्रणाली में बाधा और हड्डियों की कमजोरी जैसे लक्षण उभरने लगे हैं।
फैटी लिवर, मोटापा और विटामिन D की कमी – एक त्रिकोणीय खतरा
फैटी लिवर (Fatty Liver) की समस्या तब होती है जब लिवर की कोशिकाओं में अत्यधिक चर्बी जमा हो जाती है। यह स्थिति शुरुआत में कोई विशेष लक्षण नहीं दिखाती, लेकिन समय के साथ यह लिवर सिरोसिस, हेपेटाइटिस और यहां तक कि लिवर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। भारत में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है, खासकर उन लोगों में जो नियमित व्यायाम नहीं करते और जिनका खानपान अत्यधिक तला-भुना और वसायुक्त होता है।
मोटापा (Obesity) भी एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट बन चुका है। जीवनशैली और स्वास्थ्य में अत्यधिक चर्बी जमा होना न केवल शारीरिक सौंदर्य को प्रभावित करता है, बल्कि यह डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और जोड़ों की समस्या जैसी कई बीमारियों का मुख्य कारण भी बन जाता है। सबसे चिंता की बात यह है कि अब बच्चे भी मोटापे की गिरफ्त में आने लगे हैं।
विटामिन D की कमी भी एक ऐसी समस्या है जो पहले उपेक्षित की जाती थी, लेकिन अब इसके दुष्प्रभाव गंभीर रूप से सामने आने लगे हैं। विटामिन D हड्डियों की मजबूती, प्रतिरक्षा तंत्र की मजबूती और मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। बावजूद इसके, शहरी जीवनशैली और स्वास्थ्य में लोग पर्याप्त धूप में नहीं जाते, जिससे यह कमी आम होती जा रही है।
मुख कारण और समाधान
कारण:
- असंतुलित और प्रोसेस्ड भोजन का अत्यधिक सेवन
- जीवनशैली और स्वास्थ्य गतिविधियों की कमी और व्यायाम न करना
- लंबे समय तक बैठकर काम करना (Sedentary Lifestyle)
- धूप में न निकलना और विटामिन D का प्राकृतिक स्रोत न लेना
- तनाव, नींद की कमी और अनियमित जीवनशैली
- बच्चों में स्क्रीन टाइम बढ़ना और आउटडोर खेलों की कमी
समाधान:
- रोज़ाना कम से कम 30 मिनट का व्यायाम करना
- संतुलित आहार लेना जिसमें फल, सब्ज़ियाँ, अनाज और प्रोटीन हों
- सुबह की धूप में रोज़ाना 15–20 मिनट रहना (विटामिन D के लिए)
- प्रोसेस्ड और फास्ट फूड से बचना
- वजन को नियंत्रित रखना और नियमित हेल्थ चेकअप करवाना
- योग, ध्यान और पर्याप्त नींद को दिनचर्या का हिस्सा बनाना
- बच्चों को मोबाइल से दूर रखकर उन्हें खेलों के लिए प्रेरित करना