आजकल अपने शरीर को आकार देने के लिए पुरुष भी जिम में घंटों बिताते हैं। योग विशेषज्ञ द्वारा नीचे पांच आसन बताए गए हैं जो ताकत और लचीलेपन को बढ़ने में सहायक होते हैं जिसकी आवश्यकता प्रत्येक पुरुष को होती है।
अपनी ताकत और लचीलेपन को बढ़ाने के लिए सप्ताह में 4-5 बार इन आसनों का अभ्यास करें। प्रत्येक आसन में 30 सेकंड से 1 मिनिट तक रहें तथा इस दौरान अपनी श्वसन प्रक्रिया सामान्य रखें।
अर्धमत्सयेंद्रसन
अधिकाँश आसनों में रीढ़ की हड्डी को आगे या पीछे की ओर झुकाना पड़ता है। इसे सच में लचीला बनाने के लिए इसे पीछे की ओर भी झुकाना चाहिए। इस आसन से रीढ़ की हड्डी का लचीलापन बढ़ता है। इस आसन से रीढ़ की मांसपेशियों और स्नायुओं में भी कसाव आता है।
धनुरासन
इस मुद्रा में शरीर के दोनों अर्ध भाग ऊपर उठाये जाते हैं। यह आपकी पीठ की मांसपेशियों में कसाव लाता है और रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को बनाये रखता है तथा इससे आपकी मुद्रा में और जीवन शक्ति में सुधार लाता है। अपने शरीर के भार को पेट पर संतुलित करने से पेट की चर्बी भी कम होती है जो कि अधिकाँश पुरुषों की एक मुख्य समस्या होती है।
भुजंग आसन या कोबरा पोज़
इस पोज़ में रीढ़ की हड्डी पर पीछे की ओर बहुत खिंचाव आता है। पीठ के नीचे का भाग जिस पर जिम में कोई ध्यान नहीं दिया जाता, इस आसन में इस भाग पर दबाव पड़ता है।
पश्चिमोत्तानासन
इस आसन में शरीर के पीछे के भाग में एड़ियों से रीढ़ की हड्डी के ऊपरी भाग तक खिंचाव आता है। इस आसन का अभ्यास करने से कूल्हों तथा घुटने की नस की जकड़न कम होती हैं जो पुरुषों में पाई जाने वाली एक आम समस्या है।
हलासन या हल मुद्रा
इस पोज़ से रीढ़ की हड्डी और गर्दन में लचीलापन आता है तथा पुरुषों की पीठ, कंधों और भुजाओं की मांसपेशियां मज़बूत होती हैं। इससे थाइरॉइड और प्रोस्टेट ग्रंथि सुचारू रूप से काम करती हैं।