उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू:
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने ‘वंदे मातरम’ कहने में आपत्ति को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सवाल किया कि अगर मां को सलाम नहीं करेंगे तो क्या अफजल गुरु को सलाम करेंगे? नायडू ने सवाल किया, ‘वंदे मातरम माने मां तुझे सलाम. क्या समस्या है?
उन्होंने कहा,यह इस देश में रह रहे 125 करोड़ लोगों के बारे में है,चाहे उनकी जाति, रंग, पंथ या धर्म कुछ भी हो। वे सभी भारतीय हैं।ऐसा नायडू विश्व हिंदू परिषद पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल की पुस्तक के विमोचन के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
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हिन्दुत्व कोई धर्म नहीं:
उपराष्ट्रपति ने कहा कि हिन्दुत्व कोई धर्म नहीं है बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है। उन्होंने इसको साबित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के हिन्दुत्व पर 1995 में दिए फैसले का भी उल्लेख किया। उन्होंने मातृभाषा को लेकर भी काफी कुछ कहा।
वासुधैव कुटुम्बकम:
हिंदू धर्म भारत की संस्कृति और परंपरा है, जो कई पीढ़ियों से गुजरा है। नायडू ने भारतीयों के अहिंसक प्रकृति के लिए हिंदू धर्म को कारण बताया। उन्होंने कहा, हर किसी ने भारत पर हमला किया, शासन किया, नुकसान पहुंचाया और लूटा, लेकिन भारत ने अपनी संस्कृति के कारण कभी किसी देश पर हमला नहीं किया।
नायडू ने कहा कि हमारी संस्कृति ‘वासुधैव कुटुम्बकम’ सिखाती है जिसका मतलब है कि विश्व एक परिवार है।उन्होंने अपने जीवन के 75 वर्ष भविष्य की पीढ़ियों के लाभ के लिए सर्मिपत कर दिए।