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दिल की बीमारियों के लिए जरुरी योगासन, जानिए.......... 2

दिल की बीमारियों के लिए जरुरी योगासन, जानिए……….

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने काम को ज्यादा प्रथामिकता देते हैं। लेकिन जरा सोचिए अगर आप स्वस्थ नहीं रहेंगे तो काम कैसे कर पाएंगे। ऐसे में अगर आप थोड़ा सा समय योग के लिए निकालें तो आप अपने दिल को चुस्त दुरुस्त रख पाएंगे। आईए जानें हृदय रोग में कौन से कौन योग करना चाहिए।

ताड़ासन

ताड़ासन योग की जितनी भी तारीफ की जाए कम है। यह पूरी शरीर को लचीला बनाता है और साथ ही साथ कड़ा एवं सख्त होने से रोकता है। पैरों को एक साथ मिलाकर खड़े हो जाएं। अब पंजों पर जोर देते हुए धीरे-धीरे ऊपर उठें एवं दोनों हाथों को मिलाकर ऊपर की ओर तान दें।

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इस अवस्था में पूरे शरीर का भार पैरों के पंजों पर होगा और पूरे शरीर को सीधा ऊपर की ओर तानेंगे। इसे करते समय पेट को अन्दर की ओर खींचना चाहिए तथा सीना बाहर की ओर तना हुआ रहना चाहिए। कमर-गर्दन बिल्कुल सीधी रखें। इस आसन का अभ्यास कम से कम 5 बार अवश्य करें।

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यह योगाभ्यास आपको चुस्त दुरुस्त ही नहीं करता बल्कि आपके शरीर को सुडौल एवं खूबसूरती प्रदान करता है। शरीर में जहाँ तहाँ जो अतरिक्त चर्बी जमी हुई है उसको पिघलता है और आपके पर्सनालिटी में नई निखार ले कर आता है।

स्वस्तिकासन

स्वस्तिक का मतलब होता है शुभ। यह ध्यान लगाने के लिए बहुत ही अच्छा आसन है । इसके लिए सबसे पहले आपको मैट की आवश्यकता होगी या तो एक साफ-सुथरा कंबल या कपड़ा ले सकते हैं या फिर योगा मैट का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस आसन के करने के बहुत से फायदे हैं और उसके फायदे हम आपको इसके विधि के बाद में बताएंगे। तो सबसे पहले इसकी विधि की बात करते हैं कि स्वास्तिकासन को कैसे किया जाना चाहिए।

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सबसे पहले जमीन पर बैठ जाइए और दोनों पैरों को मोड़कर जांघ और पिंडलियों के बीच ऐसे रखिए कि दोनों का पंजे घुटनों के अंदर चले जाएं। अब दोनों हाथो को घुटने पर रखकर पूरे शरीर को सीधा कर लीजिए। ध्यान रखे की आपके घुटने जमीन के लगे हुए हो। उसके साथ-साथ आपकी जांघ और कमर सीधी रहनी चाहिए।

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शीर्षासन योग क्या है ?

शीर्ष का मतलब होता है सिर (माथा) और आसन योगाभ्यास के लिए इस्तेमाल किया जाता है। शीर्षासन के जितने भी फायदे गिनाये जाएं कम है। इसकी लाभ और उपयोगिता इस बात से समझा जा सकता है कि आसनों की दुनिया में इस योगाभ्यास को राजा के नाम से जाना जाता है। यह योगाभ्यास आपको सिर से लेकर पैर की उँगुलियों तक फायदा पहुँचाता है।

दिल की बीमारियों के लिए जरुरी योगासन, जानिए.......... 5दोनों घुटने जमीन पर टिकाते हुए फिर हाथों की कोहनियां जमीन पर टिकाएं। फिर हाथों की अंगुलियों को आपस में मिलाकर ग्रिप बनाएं, तब सिर को ग्रिप बनी हथेलियों को भूमि पर टिका दें। ‍इससे सिर को सहारा मिलेगा। फिर घुटने को जमीन से ऊपर उठाकर पैरों को लंबा कर दें। फिर धीरे-धीरे पंजे टिकायें और  दोनों पैरों को पंजों के बल चलते हुए शरीर के करीब अर्थात सिर के नजदीक ले आते हैं और फिर पैरों को घुटनों से मोड़ते हुए उन्हें धीरे से ऊपर उठाते हुए सीधा कर देते हैं तथा पूर्ण रूप से सिर के बल शरीर को टिका लेते हैं। इससे ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है साथ ही हृदय गति सामान्य रहती है।

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