आरक्षण की समीक्षा को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान को मुस्लिम फोरम का समर्थन मिल गया है। मुस्लिम संगठन फोरम फॉर मुस्लिम स्टडीज एंड एनालिसिस ने मोहन भागवत के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि आरक्षण नीति की समीक्षा होनी चाहिए।
फोरम के सचिव डॉ जसीम मोहम्मद ने इस बाबत भागवत को पत्र लिखकर अपनना समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि समाज के पिछड़े और वंचित लोगों के उत्थान के लिए संविधान में 10 वर्षों के लिए आरक्षण दिया गया था।
लेकिन अब यह नीति वोटबैंक राजनीति के जाल में फंस कर रह गयी है। उन्होंने कहा कि इस नीति की अब समीक्षा की जानी चाहिए। डॉ जसीम ने कहा कि मोहन भागवत ने जो विषय उठाया है उस पर राजनीति के अलावा चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आरक्षण नीति पर समीक्षा का यह सही समय है। इस मुद्दे पर राजनीति और वोटबैंक से उपर उठने की जरूरत है।
डॉ. जसीम मोहम्मद ने कहा मुसलमानों की स्थिति आरक्षण होने की बजाए गिरती जा रही है। ऐसे में इसे सही लोगों तक पहुंचाने के लिए इसकी समीक्षा होनी चाहिए। गौरतलब है कि मोहन भागवत ने आरएसएस के मुखपत्र पांचजन्य और ऑर्गेनाइजर में कहा कि रिजर्वेशन नीति की समीक्षा की जानी चाहिए। इसके लिए उन्होंने गैर राजनैतिक कमेटी बनाने का सुझाव दिया था।