जुकाम व बुखार के लिए यारो
ऐसा माना जाता है कि यारो के सेवन से पसीना आता है। ऐसे में जब कभी बुखार या सर्दी आदि की समस्या होती है तो यारो की मदद से त्वचा के रोम छिद्र ठीक से सांस ले पाते हैं और रक्त का परिसंचरण भी बेहतर ढंग से हो पाता है।
इस प्रकार ठीक से पसीना बाहर निकाल पाता हैं और शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है। बुखार आदि समस्या होने पर पिपरमिंट और एल्डरफ्लोवेर तथा यारो को मिलाकर बनी चाय पीने से बहुत जल्दी फायदा होता है।
घावों के भरने व रक्त स्राव को रोकने में मददगार
यह यारो का सबसे मशहूर व प्रचीन उपयोग है। यारो पहली बार ईराक में खोजी गई और फिर इसके बाद अपने अभूतपूर्ण गुणों के चलते इसने दुनियाभर की मशहूर हर्ब में अपना नाम शुमार कर लिया। ऐसा भी कहा जाता है कि यारो के कमाल के चिकित्सकीय गुणों के चलते महान यूनानी योद्धा अकेलिस ने भी इसे इस्तेमाल किया था।
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यही नहीं बाकी के योद्धा भी इसका इस्तेमाल घाव आदि के उपचार में किया करते थे। यारो घाव को ठीक करने वाली कमाल की औषधी है और इससे खून का बहना रोका जा सकता है। इसके सेवन से दर्द में भी कमी आती है।
उपरोक्त फायदों के अलावा यारो के इस्तेमाल से रक्तचाप बेहतर बना रहता है। ऐसी मान्यता है कि यारो के सेवन से रक्त का प्रवाह बेहतर और सुचारी ढंग से होता है। इसके अलावा यारो के सेवन से पेट के पाचक रसों का प्रवाह ठीक ढंग से होता है और पेट संबंधी समस्याएं, जैसे अपच आदि से मुक्ति मिलती है। यूरिन संबंधी समस्याओं में भी यारो की चाय का सेवन करने से काफी लाभ होता है।