पंजीकरण की तिथि 23 मार्च तक :
कैलाश मानसरोवर की पवित्र यात्रा को विदेश मंत्रालय, भारत सरकार की मंजूरी मिल गई है। उत्तराखंड सरकार हर साल इस यात्रा को आयोजित करती है। विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक 23 मार्च तक इच्छुक यात्री अपना पंजीकरण करा सकते हैं।
इस बार कैलाश मानसरोवर यात्रा पारंपरिक उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे के साथ-साथ सिक्किम के नाथुला दर्रे से भी हो सकेगी। बता दें कि पिछले साल डोकालाम विवाद के चलते चीन ने इस मार्ग से यात्रा की इजाजत वापस ले ली थी।
18 वर्ष से 70 वर्ष तक के आवेदक, यात्रा कर सकते हैं :
इस वर्ष यह यात्रा 8 जून से शुरू होकर 8 सितंबर तक चलेगी। आवेदकों को कम से कम 18 वर्ष का और अधिक से अधिक 70 वर्ष का होना चाहिए ।
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धारचूला से आगे यात्रा मार्ग की सड़कें बेहद खराब हैं, ऐसे में दलों की यात्रा अवधि में बदलाव संभव है। पिछले साल हुई यात्रा में 18 जत्थों में रिकार्ड 442 भक्त शामिल हुए थे।
2014 में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति के बीच हुआ समझौता :
इसके अलावा उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रा से भी यात्रा की जा सकेगी। सिंह ने कहा, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी पिछले वर्ष दिसंबर में अपने चीनी समकक्ष वांग यी से इस बाबत चर्चा की थी, जिसके बाद चीन ने इस मार्ग पर यात्रा बहाल करने की अनुमति दी थी।
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जानकारी के मुताबिक कैलाश मानसरोवर यात्रा सन 1980 से हर साल आयोजित की जाती रही है। इसके लिए नया रूट नाथू ला साल 2015 से शुरू हुआ है। साल 2014 में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई थी। तब मोदी ने इसकी मांग चीनी राष्ट्रपति के सामने रखी थी, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया था।
मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए https://kmy.gov.in/kmy/ इस लिंक पर कुंमाऊ मंडल विकास निगम ने हिंदी और English दोनों भाषाओं में सारी जानकारी उपलब्ध करवाई है।