देश से लगती लम्बी भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गणतंत्र की पहरेदारी में लगे बीएसएफ के हजारों जवानों के हौंसले बुलंद हैं। कड़ाके की ठंड की परवाह किए बिना दिन-रात सरहद की पहरेदारी कर रहे हैं।
बॉर्डर की चौकियों पर आने वाले लोग भी गणतंत्र की भावना से ओतप्रोत रहते हैं। वह बॉर्डर लाइन की तारबंदी पर तिरंगा लगाकर अपनी राष्ट्रभक्ति दर्शाने करने को बेकरार दिखे। अंधेरा होने पर भी बॉर्डर की पहरेदारी वैसे ही चलती रहती है जैसे दिन के उजाले में। इतना अंतर जरूर आ जाता है कि रात होने पर तारबंदी के सामांतर लगी फ्लड लाइटें जलने लगती है और जवान और ज्यादा सतर्क हो जाते हैं।
गणतंत्र दिवस का उल्लास देश की जमीन के जीरों प्वाइंट (भारत-पाकिस्तान की जमीन का जीरो प्वाइंट) के पास भी देखने को मिला। यहां लगा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा सरहद की पहरेदारी में सीमा सुरक्षा बल के जवानों का जोश और राष्ट्रभक्ति भरने का काम करता है। वे कहते हैं कि ध्वज के साथ देश की आन-बान और शान जुड़ी हुई है।
बॉर्डर पर तैनात जवानों से सर्दी और कोहरे की सर्द रातों का जिक्र होने पर वो कहते हैं कि हमारी ड्यूटी और देश के लिए मर मिटने का जज्बा हमें एेसे विषम हालात से लडऩे की ताकत देते है। फिर गणतंत्र दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व हमें हमारे देश की हिफाजत की जिम्मेदारी और जनता के द्वारा पर्व को उल्लास से मनाना हमें चौकस रहकर पहरेदारी करने के लिए ताकत देता है। बॉर्डर पर चौकसी का नजारा देखते-देखते जैसे ही अंधेरा छाने लगा लाइटें जलनी शुरू हो जाती है । साथ ही कोहरा गहराने लगा और सर्द हवाएं तन को भेदने लगती हैं। परन्तु यह कड़ाके की ठण्ड भी जवानों को टस से मस नहीं कर पाती है।