आज की युवा पीढ़ी के सामने अनेक तरह की चुनौतियाँ सामने आती है जिनको पार करके ही उन्हें सफलता मिलती है किन्तु कुछ युवा ऐसे होते है जो परिस्थितियों से भागने की कोशिश करते है, जिनमे इतना सामर्थ नहीं होता कि वे चुनौतियों को स्वीकार कर सके. इसका दोष वो खुद की मेहनत को ना देते हुए अपनी किस्मत को देते है
और यही उनकी मानसिक स्थिति पर बुरा असर डालती है, जो उन्हें धीरे धीरे नशे की तरफ ले जाती है. इसके अलावा जब व्यक्ति का मन अशांत होता है तब भी वो अपने आप को कुसंगति की तरफ मोड़ देता है और नशे का शिकार बना लेता है
पहले तो लोग शौक के लिए शराब पीते हैं और धीरे-धीरे इंसान को शराब की लत लग जाती है। अगर आपको भी शराब पीने की लत लग चुकी है और आप इस लत से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपके लिए ये यह हमारे तरफ से कुछ उपयोगी बातें है जो आपको माननी पड़ेंगी तब जाकर आप नशे की लत से छुटकारा पा सकते हैं
छोड़ने का मन बनाना नशे की लत को हराने के लिए आपको इसे छोड़ने का लक्ष्य बनाने की जरूरत है। आप एक ही बार में यह सब नहीं कर पायेंगे, लेकिन लक्ष्य बनाने से आपको अपने अगले कदम को तय करने में मदद मिलेगी। जब आप एक बार सोच लेंगे की मुझे नशा छोड़ना है तो आपको इस नशे के पास कोई नही ला सकता हाँ पर यह बात आपको खुद आपके मन में ठान के चलना पड़ेगा
इस लत का आपके जीवन पर किस तरह नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, इसकी एक विशिष्ट सूची बनाने से आपको अपना व्यवहार बदलने के लिए बहुत अच्छी शुरुआत मिल सकती है। लत के प्रभावों को साधारण शब्दों “इससे मेरा जीवन बर्बाद हो रहा है ” या “मैं अपनी क्षमताओं तक नहीं पहुँच पा रहा हूँ ” में लिखने के बजाए या लिखें कि ड्रग की लत शुरू होने से किस तरह आपका जीवन बदल गया।
इन सभी बातों को कागज़ पर लिखा देखकर आप चौंक सकते हैं, लेकिन इस सूची से आपको कदम दर कदम आगे बढ़ने में और लत से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी। यह बात उन पढे लिखे लोगो के लिए है।
आपको पता है कि आप आदी हैं, यदि यह लेना बंद कर देने पर आपको छोड़ने के लक्षण महसूस होते हैं। छोड़ने के लक्षण उस भाव से बिल्कुल विपरीत होते हैं, जो आप नशे में होने पर महसूस करते हैं। नशे में होने पर अगर आप स्फूर्तिवान महसूस करते हैं, तो छोड़ने पर आपको बहुत थकावट और चिंता महसूस होती है।
छोड़ने पर आपको बीमार जैसा महसूस हो सकता है और आपको सामान्य महसूस करने के लिए इसका इस्तेमाल करते रहना होता है। यह बात बिलकुल गलत है क्यूंकि हमारा मानना है की जब कोई भी इन्सान अपने मन से सोच ले तो वो कुछ भी कर सकता है।
आप अपनी जिमेवारी को हमेशा ध्यान में रखे क्यूंकि आपसे आपका सुखी परिवार है नशे का आदी व्यक्ति स्कूल में उपस्थिति, काम, परिवार या अन्य कर्तव्य जैसे लॉन्ड्री, घर के काम, कार का रखरखाव, बिल का भुगतान इत्यादि को नजरअंदाज कर सकता है।
नशे के आदी व्यक्ति का जीवन नशे के आसपास ही सिमट कर रह जाता है, नशा करना, उसके प्रभाव से उभरना और अधिक ड्रग्स लेना, यही उसकी दिनचर्या बन जाती है। लत का कोई रचनात्मक या प्रयोगात्मक उपयोग नहीं होता है। यह एक अनिवार्यता है जिसका हस्तक्षेप इसे अंत तक लाने के लिए जरूरी होता है।
याद रखे आपका मन ही सबसे बड़ा डाक्टर है ………………