छत्तीसगढ़ में रायपुर के एक किसान के बेटे दीपक ने जुगाड़ से ड्रोन बनाया है। ये है किसान ड्रोन, जो अंगुलियों के इशारे पर चंद मिनटों में पूरे खेत में दवा छिड़क देता है। एक एकड़ के जिस खेत में दो मजदूर दिनभर का समय लेते हैं, वह काम यह ड्रोन केवल आधे घंटे में कर देता है। दीपक ने टीवी, इंटरनेट पर ड्रोन की तकनीक समझी और गाड़ियों के पार्ट्स जोड़कर ड्रोन बना डाला। राहुल के पास तीन ड्रोन हैं। इसमें से दो उन्होंने ही बनाए हैं।
जरूरत से बना जुगाड़-
ये जुगाड़ टेक्नॉलाजी रमेश चावड़ा के बेटे राहुल की देन है। वे पिछले 15 साल से किसानी कर रहे हैं। आमतौर पर मानसूनी सीजन में मजदूर नहीं मिलते और मिलते भी हैं तो उनका रेट बहुत ज्यादा होता है। राजधानी के हरदी गांव (बेरला रोड) में उनका 25 एकड़ का फार्महाउस है। इतने बड़े क्षेत्र में बड़ी संख्या में मजदूरों की जरूरत पड़ती थी। आखिरकार उन्होंने ड्रोन बनाकर अपनी जरूरत पूरी की।
दोस्त की ली मदद-
राहुल ने टीवी और इंटरनेट पर ड्रोन के बारे में जानकारी जुटाई। बीए पास राहुल ने विदेशों से ड्रोन के पार्ट्स मंगवाने के लिए अपने दोस्त से अंग्रेजी सीखी। उन्होंने जापान, चीन और अमेरिका से ड्रोन के पार्ट्स मंगवाए और उसे एसेंबल्ड किया।
दो लाख का ड्रोन-
राहुल के पास तीन ड्रोन हैं। इसमें से दो उन्होंने खुद ही बनाए हैं। पहला ड्रोन दो लाख की लागत से बनाया। वे ड्रोन को आसानी से बैग या सूटकेस में लेकर जा सकते हैं। ये फोल्डिंग वाला ड्रोन है। इनमें गाड़ियों के पार्ट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। ड्रोन किसान से दवा का छिड़काव करते राहुल। उनके इस प्रयोग से खेत में लाल भाजी और केले की फसल लहलहाती नजर आ रही है।
Source – दैनिक भास्कर