भारत में ऐसी कई खूबसूरत जगहें है, जिन्हें बार बार देखने का मन करता है जो यहाँ आने वाले टूरिस्टों का मन मोह लेती हैं। यही बजह है हर साल इन खूबसूरत जगहों पर टूरिस्टों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन इन जगहों की अनदेखी के चलते इनके रख-रखाव में काफी लापरवाही बरती जा रही है। ये भारत की ऐसी जगहें है, जो प्राचीन समय से अपनी खासियत के लिए मशहूर है। लेकिन इनकी खूबसूरती को बनाएं रखने के लिए सरकार द्वारा कोई उपाय नहीं किया जा रहा है। और इस उपेक्षा के चलते ये जगहें धीरे-धीरे विलुप्त होने की कगार पर है। आज हम आपको कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन पर भविष्य में बिलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है।
राखीगढ़ी, हरियाणा
राखीगढ़ी हरियाणा के हिसार ज़िले में सरस्वती तथा दृषद्वती नदियों के शुष्क क्षेत्र में स्थित एक महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थान है।
राखीगढ़ी सिन्धु घाटी सभ्यता का भारतीय क्षेत्रों में धोलावीरा के बाद दूसरा विशालतम ऐतिहासिक नगर है। राखीगढ़ी का उत्खनन व्यापक पैमाने पर 1997-1999 ई. के दौरान अमरेन्द्र नाथ द्वारा किया गया।
राखीगढ़ी से प्राक्-हड़प्पा एवं परिपक्व हड़प्पा युग इन दोनों कालों के प्रमाण मिले हैं।
राखीगढ़ी से महत्त्वपूर्ण स्मारक एवं पुरावशेष प्राप्त हुए हैं, जिनमें दुर्ग-प्राचीर, अन्नागार, स्तम्भयुक्त वीथिका या मण्डप, जिसके पार्श्व में कोठरियाँ भी बनी हुई हैं, ऊँचे चबूतरे पर बनाई गई अग्नि वेदिकाएँ आदि मुख्य हैं।
राखीगढ़ी को देखना किसी सपने से कम नहीं है। लेकिन रख-रखाव के अभाव के कारण ये जगह धीरे-धीरे विलुप्तता की ओर अग्रसर है।
राम सेतु, तमिलनाडु
हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार जब असुर रावण माता सीता का हरण करके उन्हें लंका ले गया था तब भगवान श्री राम ने लंका पहुचने के लिए वानरों की सहायता से समुद्र में इस पुल का निर्माण किया था। इसे रामसेतु नाम दिया गया। इसी रामसेतु पुल से भगवान् श्री राम ने अपनी पूरी वानर सेना सहित लंका पर चढ़ाई की थी और रावण का वध करके विजय हासिल की थी।
इस पुल को Adam’s Bridge के नाम से भी जाना जाता है। चूने पत्थरों से बना यह ब्रिज भारत के धनुष्कोडी को श्रीलंका के मन्नार द्वीप से जोड़ने का काम करता है। लेकिन निकट भविष्य में यह ब्रिज खतरे की कगार पर है।
सुन्दरवन, पश्चिम बंगाल
सुंदरवन या सुंदरबोन भारत तथा बांग्लादेश में स्थित विश्व का सबसे बड़ा नदी डेल्टा है। यहां के नरभक्षी बाघ ‘बंगाल टाइगर’ के नाम से विश्व भर में प्रसिद्ध हैं। अपने अनूठे प्राकृतिक सौन्दर्य और भरपूर वन्य जीवन के लिये प्रसिद्ध सुन्दरवन को विश्व विरासत का दर्जा दिया गया है। सुन्दरवन की सघन हरियाली, अपार जलराशि से घिरे द्वीप समूह और डेल्टाई मिट्टी कुदरत की अनूठी कारीगरी को रूपांकित करती है। पश्चिमी बंगाल के दक्षिणी छोर पर स्थित सुन्दरवन के 54 द्वीप समूहों में जंगल की रोमांचकारी दुनिया आबाद है। इनमें से कुछ आबादी वाले द्वीप हैं, जिनमें जनजातीय लोग निवास करते हैं। अपार जलराशि से घिरे सुन्दरवन में जलीय और स्थलीय प्राणियों का एक बडा परिवार निवास करता है। जल की बहुलता के कारण यहां के वन्य प्राणियों ने अपने आप को जलीय परिस्थितियों के अनुरूप बना लिया है। यही कारण है कि सुन्दरवन में निवास करने वाले अनेक वन्य प्राणियों की सामान्य आदतें या व्यवहार में अन्तर महसूस किया जा सकता है। मैन्ग्रोव पेड़ों के जंगल का प्राकृतिक रूप देखने के लिए सुंदरवन डेल्टा दुनिया भर में मशहूर है, लेकिन ग्लोबल वार्मिंग के कारण यहां बढ़ता जल का स्तर खतरा बन रहा है।
शिमला सिविक सेंटर, हिमाचल प्रदेश
गर्मियों की राजधानी कहलाए जाने वाले शिमला में अंग्रेज़ों द्वारा बहुत सी खूबसूरत इमारतों का निर्माण कराया गया। कुछ वजह के कारण World Monuments Funds द्वारा इन इमारतों को खतरे में बताया गया है।
जैसलमेर फोर्ट, राजस्थान
राजस्थान के राजपूतों के गौरवशाली इतिहास को दर्शाता जैसलमेर फोर्ट दुनिया के सबसे बड़े किलों में से एक है। यह शहर के केन्द्र में स्थित है। यह ‘सोनार किला’ या ‘स्वर्ण किले’ के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह पीले बलुआ पत्थर का किला सूर्यास्त के समय सोने की तरह चमकता है। इसे 1156 ई0 में एक भाटी राजपूत शासक जैसल द्वारा त्रिकुरा पहाड़ी के शीर्ष पर निर्मित किया गया था। जैसलमेर किले में कई खूबसूरत हवेलियाँ या मकान, मंदिर और सैनिकों तथा व्यापारियों के आवासीय परिसर हैं।
यह किला एक 30 फुट ऊंची दीवार से घिरा हुआ है। यह एक विशाल 99 बुर्जों वाला किला है। वर्तमान में, यह शहर की आबादी के एक चौथाई के लिए एक आवासीय स्थान है। किला परिसर में कई कुयें हैं जो यहाँ के निवासियों के लिए पानी का नियमित स्रोत हैं। किला राजपूत और मुगल स्थापत्य शैली का आदर्श संलयन दर्शाता है।
राजस्थान के अन्य किलों की तरह, इस किले में भी अखाई पोल, हवा पोल, सूरज पोल और गणेश पोल जैसे कई द्वार हैं। सभी द्वारों में अखाई पोल या प्रथम द्वार अपनी शानदार स्थापत्य शैली के लिए प्रसिद्ध है। इस प्रवेश द्वार को वर्ष 1156 में बनाया गया था और शाही परिवारों और विशेष आगंतुकों द्वारा यही प्रवेश द्वार उपयोग किया जाता था। पर इसके आस-पास हो रहे अवैध निर्माण और खुदाई के कारण ये किला अपनी रंगत खोता जा रहा है!
कोरल रीफ, लक्षद्वीप
समुद्र के बीच बसा कोरल रीफ किसी स्वर्ग से कम नहीं है, लेकिन यहाँ मछली पकड़ने की बढ़ती गतिविधियों और समुद्र के बढ़ते जल स्तर से इसके अस्तित्व पर खतरा बनता जा रहा है।