गेंहू के ज्वारे प्रकृति की एक अनमोल देन है। नवरात्र चल रहे हैं और भारतीय संस्कृति में गेंहू के ज्वारे का अपना अलग ही महत्व है। नवरात्रो में गेंहू के ज्वारे कलश में उगाये हैं और देवी की पूजा अर्चना में इनका उपयोग होता है। भले ही हम इन रीतियों का वैज्ञानिक महत्व नहीं समझते हैं ।
वैज्ञानिक अनुसंधान में ये बात सामने आ चुकी है कि, गेंहू के ज्वारे में अनमोल पोषक तत्त्व और रोग निवारक गुण पाए जाते। गेहूं के जवारे रक्त व रक्त संचार संबंधी रोगों,अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, स्थायी सर्दी, साइनस, पाचन संबंधी रोग, पेट में छाले, कैंसर, आंतों की सूजन, दांत संबंधी समस्याओं, चर्म रोग, किडनी संबंधी रोग, कान के रोग, थायराइड ग्रंथि के रोग व अनेक ऐसे रोग के लिए अनमोल औषधि हैं।
इसके अंदर 19 अमीनो एसिड और 92 खनिज हैं। इसमें लगभग सभी विटामिन एवं खनिज मौजूद होते हैं। गेंहू के ज्वारे में गाजर से दुगुनी मात्रा में विटामिन A और संतरो से ज्यादा विटामिन C मौजूद होता है।
गेंहू के ज्वारों से कैंसर जैसी बीमारिया भी ठीक हो सकती हैं। इसमें विशेष रूप से काफी अधिक मात्रा में क्लोरोफिल होता है जो शरीर में हीमोग्लोबिन बढाकरऑक्सीजन की मात्रा बढ़ा देता है और कैंसर से लड़ने में सहायक होता है। क्लोरोफिल शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।