1. गांधीजी के दांत नकली थे। उनके पास नकली दांतों का एक सेट था। वह हमेशा अपने नकली दांतों को अपनी धोती में बांधकर रखते थे। सिर्फ खाने के समय ही इन्हें पहनते थे और बाकी समय धोती में गांठ लगा कर बांध लेते थे।
2. महात्मा गांधी के बड़े बेटे हीरालाल गांधी शराब के आदी हो गए थे। वह गांधी जी के विचारों का विरोध करते थे, क्योंकि वह भी विदेश में जाकर पढ़ना चाहते थे, लेकिन गांधी जी इसके लिए तैयार नहीं हुए। हीरालाल ने बाद में इस्लाम धर्म अपना लिया था। अपने बड़े बेटे के इस तरह विधर्मी हो जाने से गांधी जी बहुत दुखी रहते थे।
3. गांधी जी ने धोती पहनना तमिलनाडु के मदुरई शहर से वापस आने के बाद शुरू किया। 1921 से पहले गांधी जी पैंट-शर्ट पहना करते थे, लेकिन मदुरई में गरीबी और वहां के गरीब फटेहाल लोगों के पहनावे को देखने के बाद उन्होंने फिर कभी पूरे कपड़े नहीं पहने। इसके बाद गांधी जी ने हमेशा धोती ही पहनी।
4. नोटों पर गांधी जी के चेहरे को देखकर यही लगता है कि उनकी यह पिक्चर बनाई गई है, लेकिन ऐसा नही है। एक फोटोग्राफर ने उनकी यह तस्वीर 1946 में खींची थी। यही फोटो बाद में नोट पर छापना तय किया गया। यह फोटो वायसराय हाउस (राष्ट्रपति भवन) में उस समय के बर्मा और भारत के ब्रिटिश सेक्रेटरी फ्रेंडेरिक पेथिक लॉरेंस के साथ की है।
5. गांधी जी को दो चीज़ों की बहुत चिंता रहती थी। पहली उनकी हैंडराइटिंग और दूसरी मसाज कराना। उन्हें दूसरों से मसाज कराना बहुत अच्छा लगता था।
6. गांधी को अपनी फोटो खींचा जाना बिल्कुल पसंद नहीं था, लेकिन आज़ादी की लड़ाई दौरान वह अकेले शख्स थे, जिनकी फोटो सबसे ज्यादा ली गई थी।
7. गांधी जी का जन्म शुक्रवार को हुआ था, भारत को आज़ादी शुक्रवार को मिली थी, यही नहीं गांधी जी की मौत भी शुक्रवार को हुई थी।
8. महात्मा गांधी अंग्रेजी को आइरिश (आयरलैंड) अंदाज़ में बोलते थे, क्योंकि उनके पहले टीचर आयरलैंड से थे।
9. 15 अगस्त, 1947 को आज़ादी मिलने के बाद भी गांधी जी ने खुशी नहीं मनाई और न ही किसी को बधाई दी, बल्कि उन्होंने इस दिन अन्न- जल त्याग दिया था। वह भारत-पाकिस्तान के अलग होने और देश में फैले दंगों से बहुत दुखी थे।
10. हाई स्कूल के दौरान पैसे बचाने के लिए वह लंदन में रोज़ाना 8 से 10 मील (12 से 16 किलोमीटर) पैदल चला करते थे। उनका मानना था कि पैदल चलने से वह स्वस्थ रहते हैं और पैसे भी बचते हैं। इसी आदत की वजह से वह 1930 में 60 साल की उम्र में डांडी मार्च यात्रा के लिए 241 मील (344 किलोमीटर) पैदल चल पाए।
11. साउथ अफ्रीका में गांधी जी की सालाना सैलरी 15 हज़ार डॉलर थी, जो आज के डॉलर की कीमत के हिसाब से लगभग 92 हज़ार है।
12. गांधी जी ने अपनी आत्मकथा The Story of My Experiments with Truth गुजराती भाषा में लिखी थी। यह बाद में अंग्रेजी में ट्रांसलेट की गई थी। हिंद स्वराज जो गांधी दर्शन की मूलभूत किताब मानी जाती है, उन्होंने गुजराती में ही लिखी थी।
13. महात्मा गांधी 1885 में बनी कांग्रेस पार्टी में सिर्फ एक बार ही प्रेसिडेंट बने।
14. गांधी जी और सुभाष चंद्र बोस 1930 में अलग हो गए थे। महात्मा गांधी जहां अहिंसा के रास्ते के छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे, वहीं सुभाष चंद्र बोस बदली हुई परिस्थतियों में युद्ध का मार्ग अपनाना चाहते थे।
सुभाष चंद्र बोस 1939 में गांधी जी के उम्मीदवार पट्टाभि सीतारमैया को हराकर कांग्रेस के प्रेसिडेंट बनें। उनकी इस जीत को गांधी जी ने अपनी हार बताया था।
15. गांधी जी समय के बहुत पाबंद थे। वह हर जगह टाइम से पहुंचते थे। 30 जनवरी, 1948 मौत से कुछ देर पहले भी वो सिर्फ इस बात को लेकर दुखी थे, क्योंकि वह रोज़ाना होने वाली उस प्रार्थना सभा में 10
मिनट लेट पहुंचे थे।
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