नॉर्मल डिलीवरी के लिए शुरुआती दिनों से ही अपनाएं ये तरीके!

प्रेगनेंसी के दौरान खुद को समय न देना। प्रेगनेंसी में जटिलताएं और बाधाएं पैदा कर सकती हैं।

ऐसा होने के कारण नॉर्मल डिलीवरी की संभावना खत्म हो जाती है और फिर शिशु के जन्म के लिए ऑपरेशन का इस्तेमाल किया जाता है।

अपने खान पान, लाइफस्टाइल का सही इस्तेमाल करके प्रेगनेंसी से संबंधित सभी समस्याओं को काफी हद तक ख़तम किया जा सकता है।

नॉर्मल डिलीवरी क्या है: नॉर्मल डिलीवरी प्रसव की एक प्रक्रिया है जिसमें शिशु का योनि के जरिए जन्म लेता है।

किसी डॉक्टर, हॉस्पिटल या ऑपरेशन की जरूरत सिजेरियन डिलीवरी में इन सबकी जरूरत पड़ती है।

ऑपरेशन करने के बाद महिला और शिशु दोनों को काफी दिक्कतें का सामना करना पड़ता है। इसलिए हर एक महिला चाहती है की उसके शिशु की नार्मल डिलीवरी हो।

एक प्रेगनेंट महिला को दिन भर में कम से कम आठ से दस ग्लास पानी पीना चाहिए। इसके अलावा नारियल पानी या फ्रूट ज्यूस का सेवन करती हैं तो ये उनके लिए और बेहतर है।

प्रेगनेंसी के नौवें महीने के दौरान आपको फाइबर, प्रोटीन, आयरन, फोलिक एसिड, आयोडीन, विटामिन और दूसरे काफी पोषक तत्वों की भरी मात्रा में जरूरत पड़ती है ।

प्रेगनेंसी में आपका फिट और फ्रेश रहना बहुत आवश्यक है क्योंकि ये आपकी आधे से ज्यादा परेशानियों को खत्म कर देते हैं। आपके तन और मन को स्वस्थ रहना बेहद जरुरी हैं। इसलिए खुश रहिए, तनावमुक्त रहिए।

रोजाना सुबह के समय पैदल थोड़ी देर एक चलें यानी की वॉक करें क्योंकि सुबह चलना और सुबह की शुद्ध हवा आप दोनों के लिए बहुत फ़ायदेमंद होती है।

योग करने से आपको काफी सुकून मिलता है जिसके कारण आपका टेंशन, तनाव, मन का भारीपन और उदासींता दूर हो जाती हैं।

एक अनुभवी दाई रखें:  दाई को प्रेगनेंसी और नार्मल डिलीवरी से संबंधित सभी जानकारियां होती हैं। ये आपकी आधी परेशानियों को खत्म कर देती हैं।

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